अगर आप भी अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद भाग खाते हैं तो हो जाएं सावधान, हो सकती हैं ये 3 समस्याएं…

Smina Sumra
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Side effects of eating egg white

अंडे का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन अंडे के गलत तरीक़े के सेवन से आपको कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

Eating egg white: हर रोज़ एक उबले अंडे को खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे लोग सुबह के समय नाश्ते में और खाने में हर जगह पसंद करते हैं। अंडे में प्रोटीन के साथ-साथ और भी कई सारे पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन अगर कोई अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद वाला (Side effects of eating egg white) हिस्सा खाता है तो यह नुकसानदायक हो सकता है। डॉक्टर्स और डाइटिशियंस के अनुसार अंडे के सफ़ेद वाले भाग में प्रोटीन की बहुत ज्यादा मात्रा पाई जाती है, लेकिन उसमें पोषक तत्व कम होते हैं। वहीं अगर आप अंडे का पीला वाला हिस्सा नहीं खाते हैं तो आपके शरीर में बहुत सारे पोषक तत्व नहीं जा पाएंगे। अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद भाग खाने से आधा पौष्टिक तत्व ही शरीर तक पहुंच पाता है। इससे आपको शारीरिक परेशानी हो सकती है। आइए जानते हैं कैसे?

अंडे में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in eggs)

एक पूरे अंडे में प्रोटीन, सोडियम, फॉलेट, कैल्शियम और सेलेनियम के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा भी अंडे में छह अलग-अलग विटामिंस पाए जाते हैं। अंडे में पाए जाने वाले मिनरल्स की बात करें तो इसमें आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, और फोलेट जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। अंडे के पीले वाले भाग यानी जर्दी में सबसे अधिक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए अगर आप पीला वाला भाग नहीं खाते हैं तो आपको सारे पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे। अंडे में पीले वाले भाग में लगभग 15-20 कैलोरी होती है। तो वहीं अंडे के सफ़ेद भाग में सिर्फ़ प्रोटीन पाया जाता है।

अंडे का सफ़ेद भाग खाने के नुक़सान (Side effects of eating egg white)

1. शरीर में बायोटीन की कमी होगी (Lack of biotin in the body)

शरीर में आयोडीन की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं। बायोटीन यानी घुलनशील विटामिन एच या विटामिन b7। मांस पेशियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। अगर शरीर में इसकी कमी होगी तो इसे बालों का झड़ना, क्रैडल कैंप या मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसका मुख्य कारण है एविडिन प्रोटीन, जो अंडे के सफ़ेद वाले भाग में पाया जाता है। इसलिए अगर आप अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद वाला भाग खाते हैं तो शरीर में बायोटीन की कमी हो सकती है।

2. फ़ूड प्वाइजनिंग का ख़तरा (Risk of food poisoning)

अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद वाला भाग खाने से फ़ूड प्वाइजनिंग का ख़तरा रहता है। अंडे का सफ़ेद वाला भाग कभी-कभी सालमोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है। यह संक्रमण चिकन की आंतों में पाया जाता है। यदि आप इस ख़तरे से खुद को बचाना चाहते हैं तो हर रोज़ अंडे के सिर्फ़ सफ़ेद वाले भाग का सेवन कम करें। या फिर अंडे को अच्छी तरह से पका कर खाएं।

3. शरीर में एलर्जी का ख़तरा (Risk of allergy in body)

अंडे के सफ़ेद भाग में प्रोटीन एल्बुमिन मौजूद होता है। जिससे कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। अधिक मात्रा में अंडे के सफ़ेद वाले भाग को खाने से उल्टी, जी मिचलाना, सूजन, रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वही ब्लड प्रेशर या दमा के मरीजों को भी अंडे का सिर्फ़ सफ़ेद वाला भाग नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं।

इस तरह हमने देखा कि अंडा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लेकिन इसे ग़लत तरीक़े से जैसे सिर्फ़ सफ़ेद वाला या सिर्फ़ पीला वाला भाग खाने से कई समस्याएं भी हो सकती हैं। वहीं अगर कोई अधिक मात्रा में अंडे खाता है तो इससे भी शारीरिक परेशानी हो सकती है। इसलिए आप अंडे का दोनों भाग खाना चाहिए। अगर हो सके तो आप अंडे को अच्छे से पका कर खाएं। ऐसे में किसी परेशानी का खतरा नहीं होता है।

 

 

 

 

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