गणेश मुद्रा अभ्यास के फ़ायदे: बेहतर पाचन, याददाश्त के साथ और भी कई शारीरिक और मानसिक फ़ायदे…

Smina Sumra
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Benefits of Ganesh Mudra

Ganesh Mudra: गणेश मुद्रा को कई शारीरिक लाभ के साथ-साथ त्वचा के लिए भी बेहतर माना जाता है। आप भी इस मुद्रा का अभ्यास कर ला सकते हैं अपने त्वचा में निखार और साथ ही साथ शारीरिक लाभ भी पा सकते हैं।

हमारे देश में योग और ध्यान प्राचीन समय से हीं चले आ रहें हैं। गणेश मुद्रा भी योग और ध्यान का ही एक भाग है, जिसे सभी योग हस्त मुद्राओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। गणेश मुद्रा को करने से हमें कई शारीरिक और मानसिक फ़ायदे होते हैं। गणेश मुद्रा को हाथों के इस्तेमाल से किया जाता है। इसे करने से शरीर के अंदर ऊर्जा का प्रवाह होता है। इस मुद्रा को करने से त्वचा में निखार आने के साथ साथ हमारा पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। लंबे समय तक अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए गणेश मुद्रा को ज़रूर करना चाहिए। यह हमें कई बीमारियों से दूर रखता है। आइए जानते हैं गणेश मुद्रा करने के फ़ायदे (Benefits of Ganesh Mudra) और इसे किस तरह से करना चाहिए इन सब के बारे में।

गणेश मुद्रा के फ़ायदे (Benefits of Ganesh Mudra)

1:- गणेश मुद्रा को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।

2:- अगर आप गणेश मुद्रा का अभ्यास करते हैं तो इससे डाउन सिंड्रोम, डिस्लेक्सिया, अटेंशन डिफिसिट, हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर से छुटकारा पा सकते हैं।

3:- अगर आपकी सीखने की क्षमता कमज़ोर है तो गणेश मुद्रा और गणेश नमस्कार करने से इसमें मदद मिल सकती है।

4:- गणेश मुद्रा के अभ्यास से शरीर की मांसपेशियां भी मज़बूत रहती हैं।

5:- अगर किसी को पाचन तंत्र और पेट की समस्या है तो उसके लिए गणेश मुद्रा का अभ्यास रामबाण साबित होता है।

6:- गणेश मंत्र के अभ्यास से चिंता और तनाव जैसी मानसिक परेशानी भी दूर होती है।

कैसे करें गणेश मुद्रा (How to do Ganesh Mudra)

1:- गणेश मुद्रा के अभ्यास के लिए सबसे पहले आप सुखासन या पद्मासन जैसे मुद्रा में आराम से बैठ जाएं।

2:- फिर अंजलि मुद्रा बनाने के लिए अपनी दोनों हथेलियों को एक साथ लाएं।

3:- उसके बाद आप अपने बाएं हाथ को अपनी छाती के सामने पकड़ें। ध्यान रहे की हथेली बाहर की ओर हो। फिर अपनी उंगलियों को मोड़ें।

4:- उसके बाद अपने बाएं हाथ को दाहिने हाथ से पकड़ें। इसमें हथेली अंदर की ओर होनी चाहिए।

5:- अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़कर लॉक करें।

6:- अब सांस लेते हुए और सांसो को छोड़ते हुए अपनी हाथों को बिना पकड़े खींच लें।

7:- आप गणेश मुद्रा के इस प्रक्रिया को 6 बार दोहराएं। उसके बाद इसी प्रक्रिया को फिर से दूसरे हाथ से भी करें।

गणेश नमस्कार कैसे करें (How to do Ganesh Namaskar)

1:- गणेश नमस्कार करने के लिए सबसे पहले लंबे और सीधे खड़े हो जाएं। और अपनी हाथों को बराबर रखें।

2:- उसके बाद अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और अपने बाएं कान के लोब को पकड़ें। इसमें अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं हाथ के ऊपर रखें।

3:- अब अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं और दाहिने कान के लोब को अपने अंगूठे और तर्जनी से पकड़ें। इसे करने के समय अपना अंगूठा सामने रखें।

4:- अब गहरी सांस छोड़ें उसके बाद धीरे-धीरे करके बैठ जाएं।

5:- आपको इस मुद्रा में 2 से 3 सेकंड रहना है। उसके बाद उठते हुए धीरे-धीरे सांस लें।

6:- आपको इस पूरे चक्र को कम से कम 10 से 15 बार दोहराना है।

गणेश मुद्रा और नमस्कार करते समय सावधानियां (Precautions while doing Ganesh Mudra and Namaskar)

1:- अगर आपके हाथों में कोई चोट या मोच हो तो गणेश मुद्रा या नमस्कार का अभ्यास ना करें।

2:- इस मुद्रा को करते समय अपनी उंगलियों को बहुत ज़ोर से ना खींचे। ऐसा करने से आपके हाथों में दर्द हो सकती है।

3:- इस मुद्रा का अभ्यास गर्भवती महिलाओं को नहीं करनी चाहिए।

4:- आप इस मुद्रा को 15 मिनट से ज़्यादा नहीं करें।

5:- अगर आपके कंधे में चोट हो तो भी इस मुद्रा को धीरे धीरे और आराम से करें।

इन सारी बातों के अलावा गणेश मुद्रा का अभ्यास करते समय कुछ और भी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। गणेश मुद्रा का अभ्यास हमेशा खाली पेट करें। इस मुद्रा को करते समय शांत जगह का चुनाव करें ताकि आपका ध्यान भंग ना हो। गणेश मुद्रा को करने के लिए सबसे सही समय सूर्योदय का समय माना जाता है। अगर आपने इस मुद्रा को कभी नहीं किया है, तो इसकी शुरुआत हमेशा किसी योग एक्सपर्ट के अंडर में ही करें। ताकि कोई समस्या होने पर स्थिति को संभाला जा सके। गणेश मुद्रा (Benefits of Ganesh Mudra) को करते समय आपको सांस लेने और छोड़ने पर भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस तरह गणेश मुद्रा और गणेश नमस्कार करने से आपको कई सारे शारीरिक लाभ मिलेंगे।

 

 

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