चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है तब चंद्रमा का कुछ भाग लुप्त हो जाता है. यानी छाया के कारण चंद्रमा का यह भाग स्पष्ट दिखाई नहीं देता है, इसी खगोलीय घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।
किसी सूर्यग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चन्द्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चन्द्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चन्द्रग्रहण को, सूर्यग्रहण के विपरीत, आँखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है।
चंद्र ग्रहण कैसे होता है
वैज्ञानिक रूप से समझा जाए तो चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब घटित होती है जब पृथ्वी सीधे सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है।
साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा.
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा.
यह चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 11:31 बजे शुरू होगा और 29 अक्टूबर को सुबह 2:22 बजे समाप्त होगा.
यह चंद्र ग्रहण 1 घंटे और 16 मिनट का होगा .
चंद्र ग्रहण का समय
शुरू होगा: 28 अक्टूबर को रात 11:31 बजे
समाप्त होगा: 29 अक्टूबर को सुबह 2:22 बजे
पृथ्वी की छाया या उपछाया का गहरा हिस्सा चंद्रमा को कवर करेगा: 29 अक्टूबर को सुबह 1:05 बजे
चंद्र ग्रहण का सूतक काल:
सूतक 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे से लग जाएंगे
सूतक ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होंगे
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इसे ज्योतिषविदों के नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. यह चंद्र ग्रहण 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के संयोग में लग रहा है।
चंद्र ग्रहण के समय न करें ये काम
चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन खाने और बनाने की मनाही होती है। ग्रहण काल के समय किसी भी देवी-देवता की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय किसी मंदिर में नहीं जाना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को बिल्कुल भी स्पर्श नहीं करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण दोष कैसे दूर करें
ग्रहण के समय ये नहीं रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण से पहले चांदी के लोटे में गंगाजल, चावल, शक्कर और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। लाल किताब के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दिन पानी वाले नारियल लें और उसे अपने सिर पर से 21 बार वार कर बहते पानी में प्रवाहित कर देने से ग्रहण दोष दूर हो जाता है और नकारात्मक ऊर्जाएं रहती हैं।
बिना चश्मे के चंद्र ग्रहण कैसे देख सकता है जा नहीं
एक तरीका पिनहोल प्रोजेक्टर का उपयोग करना है, जिसमें एक छोटा सा उद्घाटन होता है (उदाहरण के लिए, इंडेक्स कार्ड में छिद्रित छेद) और सूर्य की एक छवि को पास की सतह पर प्रोजेक्ट करता है। सूर्य को अपनी पीठ पर रखकर, आप प्रक्षेपित छवि को सुरक्षित रूप से देख सकते हैं।
क्या चंद्र ग्रहण अशुभ है
धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है जिसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. इस दौरान तेज गति से चलने वाला चंद्रमा छाया ग्रह केतु के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हो जाता है. 28/29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को शुरू होने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा।
चंद्र ग्रहण वाले दिन क्या करना चाहिए
चंद्र ग्रहण के दौरान खाना पकाने और भोजन करने से बचे. ग्रहण के दौरान खाना बनाना और खाना खाना शुभ नहीं होता, कोशिश करें इस दौरान भोजन ना करें. ग्रहण के दौरान घर मंदिर की तस्वीरों को ढक दें, सूतक काल लगने के बाद ही हमें अपने मंदिर को ढक देना चाहिए. सूतक काल में भगवान की पूजा करना शुभ नहीं होता है।