प्याज एक वनस्पति है जिसका कन्द सब्ज़ी के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से खेती की जाने वाली और उपभोग वाली सब्जियों में से एक है. भारत में खाना पकाने में सबसे ज़्यादा नियमित रूप से इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ है। प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium Cepa) है।
प्याज का इस्तेमाल सूप, अचार एवं सलाद के रूप में किया जाता है. इसमें प्रोटीन एवं कुछ बिटामिन भी अल्प मात्रा में रहते है. प्याज में बहुत से औसधीय गुण पाये जाते है। भारत में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में होती है. यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है – एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है. प्याज़ भारत से कई देशों में निर्यात होता है।
दिल्ली में प्याज़ की कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो है।
प्याज़ की औसत और खुदरा कीमतों में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. प्याज़ की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने शुक्रवार को 25 रुपए प्रति किलो की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया है।
सरकार ने प्याज़ की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं
- स्टॉक लिमिट बढ़ा दी गई है।
- एक्सपोर्ट पर 40 परसेंट ड्यूटी लगा दी है।
- सरकार सस्ते में प्याज बेचने की तैयारी कर रही।
प्याज के फ़ायदे
● यह वज़न को मैनेज करने में मदद कर सकता है (मोटापा-रोधी गतिविधि)
- यह दिल की बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है (दिल की सुरक्षा)
● इसमें कैंसररोधी क्षमता हो सकती है
● यह ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है (एंटीडायबिटिक)
● यह एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है
● इसमें एंटीप्लेटलेट गतिविधि शामिल हो सकती है
● यह ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है (एंटीहाइपरटेंसिव)
प्याज की बढ़ी कीमत
गाजीपुर सब्जी मंडी के एक प्याज व्यापारी नेकहा, ‘प्याज की आमद कम है, जिसके कारण कीमतें बढ़ गई हैं। आज दरें 350 रुपये (प्रति 5 किलोग्राम) हैं। कल, यह 300 रुपयेथी। इससेपहलेयह 200 रुपये थी।
एक सप्ताह पहले दरें 200 रुपये, 160 रुपयेया 250 रुपयेआदि थीं। पिछले हफ्ते से कीमते बढ़ गई हैं।
27 अक्टूबर शुक्रवार को दिल्ली के बाजार में प्याज ₹90 किलो बिका और बहुत जल्द प्याज का दाम शतक पार कर जाएगा. ऐसा इसलिए कि हर रोज प्याज 10 से 20 किलो रोज महंगा हो रहा है. दुकानदारों को यह अंदेशा है कि दिल्ली में जल्द ही प्याज की कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंच सकती है।
प्याज रेट बढ़ने के काश कारण
मौसम की मार से प्याज की आवक में कमी है. देश की बड़ी मंडियों का हाल देखें तो वहां प्याज की आवक कम है. इसके दो कारण बताए जा रहे हैं. पहला, इस बार बेमौसम बारिश से प्याज की फसल बड़ी मात्रा में बर्बाद हुई. बारिश का पानी प्याज की उपज में घुस गया जिससे किसान उसे अधिक दिनों तक स्टोर नहीं रख सके. पानी से प्रभावित प्याज मार्केट में आया भी तो या तो जल्द बिक गया, या फिर खराब हो गया. इससे दो-तीन महीने पहले प्याज की बड़ी खेप मार्केट से निकल गई. अब जो बचा-खुचा प्याज है, वह महंगे रेट पर निकल रहा है. भाव में बढ़ोतरी की एक वजह इस बार प्याज की कम बुवाई भी है. पिछले सीजन में किसानों को प्याज का अच्छा भाव नहीं मिला, इसलिए मायूसी में किसानों ने इस बार इसकी खेती कम की. किसानों को क्या पता कि इस बार रेट ऐसे बढ़ेंगे. कम बुवाई की आशंका से भी रेट में वृद्धि देखी जा रही है