जहां रूस -यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा तो वही बासमती की डिमांड दिनभर दिन बढ़ रही है दामों में रोज 150 रुपए तक का उछाल तो वहीं किसान भी खुशी से झूम रही है
जैसे कि हम सब जानते हैं कि 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर आक्रमण किया और कब्जा कर लिया था।
रूस यूक्रेन युद्ध लंबा चलने के कारण इस साल यूक्रेन में बासमती की फसल ना के बराबर हुई है क्योंकि बहा लगातार हमले हो रहे और फसल बीजना न मुम्किन है और इसका फ़ायदा किसानो को बहुत मिले रहे है उनकी फसल की डिमांड बढ़ रही है अच्छे दाम मिल रहे है।
इसके कारण विश्व भर में भारत की बासमती की मांग काफी बढ़ गई है ऐसे में बासमती चावलों का निर्यात करने वाली कई नामी कंपनियां यहां से बासमती खरीद रही है बीते 5 दिन के दौरान बासमती के मूल्य में प्रतिदिन 100-150 रुपए प्रति किवंटल का इजाफा हो रहा है।
बासमती की सबसे अच्छी किस्म 1121 है इसकी फसल की कटाई बेमौसमी बारिश के कारण देर से चल रही है जिससे प्रतिदिन बासमती के रेट बढ़ रहे हैं इस बार किसानों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है ।
पिछले साल यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद न केवल बासमती , अनाज की लागत में तेज वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ीं – अनाज पर आधारित खाद्य पदार्थों के लिए, बल्कि मांस और मुर्गी पालन के लिए भी, क्योंकि जानवरों को अक्सर अनाज खिलाया जाता है। जो देश यूक्रेन की आपूर्ति पर सबसे अधिक निर्भर हैं, उनके सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है।
यूक्रेन : शीतकालीन गेहूं, वसंत जौ और मक्का देश की प्रमुख अनाज फसलें हैं। सूरजमुखी और चुकंदर मुख्य तकनीकी या औद्योगिक फसलें हैं। जब कोई आक्रमण होता है, तो यह महत्वपूर्ण राजनीतिक अस्थिरता पैदा करता है और फसलों के साथ-साथ तेल और गैस की आपूर्ति में व्यवधान का खतरा बढ़ जाता है, जिससे गैसोलीन की कीमतों में वृद्धि होती है। बाजार का संतुलन बदल जाता है और गैसोलीन की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि ईंधन की मांग स्थिर रहती है जबकि आपूर्ति कम हो जाती है।
अच्छे रेट मिलने से पंजाब के किसान भी खुश।
फाजिल्का मार्केट कमेटी के सचिव मनदीप रहेजा ने कहा कि स्थानीय मंडी में बासमती के अच्छे क्वालिटी के कारण विश्व भर में सप्लाई करने वाले 35 नामी कंपनियां अच्छे दाम पर ध्यान खरीद रही है। किसानों ने कहा की रेट 5000 तक जाने की उम्मीद है
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बासमती के रेट बढ़ने के तीन कारण
- यूक्रेन बड़ा निर्यात लेकिन वहां युद्ध के चलते फसल नहीं हुई।
- पाकिस्तान के अंदरूनी हालात खराब है बाढ़ से बासमती नहीं हुई भारत सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर बैन लगाया इससे भारत की बासमती में अच्छा सुधार दिखाएं खाड़ी देशों में मांग बढ़ गई है।
- पिछले साल बासमती का सीजन खत्म होने के समय बासमती का रेट 3800 क्विंटल था इस बार पहले ही सप्ताह रेट 4442 क्विंटल है सीजन की शुरुआत में ही 700 मंडल के उछाल अच्छे संकेत नजर आ रहे हैं।