इंटरनेट पर फर्जी चीनी लोन ऐप्स का जाल ऑनलाइन बिछा हुआ है। आम भारतीय लोगों को फंसाने के लिए ये पर्याप्त लोन और आसान रि-पेमेंट के फर्जी वादे कर रहे हैं. इस तरह के गैरकानूनी Instant Loan App में फंसकर अबतक कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है।
चीनी लोन ऐप स्कैम में, चीनी स्कैमर फ़र्ज़ी इंस्टेंट लोन ऐप बनाते हैं. ये ऐप्स ग़ैरकानूनी होते हैं. जब कोई यूज़र इन ऐप्स को डाउनलोड करता है, तो ये उसकी पर्सनल जानकारी चुराते हैं और प्रोसेसिंग फ़ीस के नाम पर पेमेंट लेते हैं।
ये ऐप्स लोगों को कम ब्याज़ दरों पर कर्ज़ का लालच देकर फंसाते हैं. ये ऐप्स लोगों के मोबाइल का निजी डेटा चीनी कंपनी के सर्वर पर अपलोड करने के बाद ही रुपये जारी करते हैं. इसके बाद इन्हीं निजी डेटा के ज़रिए लोगों से वसूली करते हैं।
भारत में लगभग 1100 डिजिटल लोन ऐप्स मौजूद हैं और इनमें से तक़रीबन 600 ग़ैरकानूनी रूप से ऑपरेट कर रही हैं. इन 600 ऐप्स में से ज़्यादातर चाइनीज़ डिजिटल लोन ऐप्स हैं. 1 अप्रैल 2021 से 30 नवंबर 2022 के बीच इन चाइनीज़ लोन ऐप्स और उनके रिकवरी एजेंट्स के ख़िलाफ़ लगभग 12,907 मामले पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हैं।
भारत सरकार ने भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बनने वाले 138 बेटिंग ऐप्स और 94 लोन देने वाले ऐप्स को बैन किया है।
भारत में चाइनीस लोन ऐप्स कौन से हैं
शेल कंपनी चीनी लोन ऐप्स के जरिए कम ब्याज दरों पर लोन देती थी; रुपीगो, रुपी हियर, लोनयू, क्विकरुपी, पंच मनी, ग्रैंड लोन, ड्रीमलोन, कैशएमओ, रुपी एमओ, क्रेडिटलोन, लेंडकर, रॉकऑन, होपलोन, लेंड नाउ, कैशफुल ,
इस तरीके से चल रहा पूरा खेल
इस बार चाइनीज साइबर ठगों ने फर्जी लोन एप्स तैयार किए हैं। इन एप्स का काम लोगों को लोन देना नहीं, बल्कि उनकी निजी जानकारी चोरी करना है। पहली बात तो यह है कि ये लोन एप्स पूरी तरह से गैरकानूनी तौर पर काम कर रहे हैं।
लोगों से लोन देने के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक की जानकारी लेने के बाद ये एप्स उनके एप अकाउंट को ब्लॉक कर रहे हैं। बाद में फिर आपके ही निजी डॉक्यूमेंट के नाम पर आपको ब्लैकमेल किया जाएगा। बेहतर यही है कि आप किसी भी एप से लोन ना लें। इन लोन एप्स का हेडक्वाटर तमिलनाडु में होने का दावा किया जा रहा है कि एक सफेद झूठ है।
चीनी स्कैमर्स के तौर-तरीकों में फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप्स बनाना, अवैध ऐप्स को बढ़ावा देना, व्यक्तिगत जानकारी और प्रोसेसिंग शुल्क भुगतान की मांग करना और फिर भुगतान के बाद गायब हो जाना शामिल है।
चीनी लोन ऐप घोटाला: जांच के घेरे में मददगार सीए
चीनी लोन ऐप की सहायता करने के मामले में कई चार्टर्ड एकाउंटेंट अब भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की जांच का सामना कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन ऐप कंपनियों के निगमन फॉर्म, आरटीआई रिटर्न समेत कई दस्तावेजों पर सीए के हस्ताक्षर पाए गए हैं। इस मामले से वाकिफ लोगों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि सीए पर आरोप है कि इन लोगों ने निगमन दस्तावेजों में उल्लिखित पते का भौतिक रूप से सत्यापन नहीं किया है। कई चीनी ऐप्स कंपनियों ने नकली पते दिए हैं। कुछ एनबीएफसी भी भारत में डमी संस्थाओं की आड़ में लोन गतिविधियों का संचालन करते पाए गए हैं।
इस बार चाइनीज साइबर ठगों ने फर्जी लोन एप्स तैयार किए हैं। इन एप्स का काम लोगों को लोन देना नहीं, बल्कि उनकी निजी जानकारी चोरी करना है। पहली बात तो यह है कि ये लोन एप्स पूरी तरह से गैरकानूनी तौर पर काम कर रहे हैं।
लोगों से लोन देने के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक की जानकारी लेने के बाद ये एप्स उनके एप अकाउंट को ब्लॉक कर रहे हैं। बाद में फिर आपके ही निजी डॉक्यूमेंट के नाम पर आपको ब्लैकमेल किया जाएगा। बेहतर यही है कि आप किसी भी एप से लोन ना लें। इन लोन एप्स का हेडक्वाटर तमिलनाडु में होने का दावा किया जा रहा है कि एक सफेद झूठ है।