पंजाब की मकसूदां सब्ज़ी मंडी में 30 अक्टूबर को प्याज़ 25 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया. त्योहारी सीज़न में प्याज़ की बढ़ती कीमतों के बीच यह एक बड़ी राहत है। पंजाब में प्याज़ की कीमतें आसमान छू रही हैं। थोक में प्याज़ 50 से 55 रुपये प्रति किलो और रिटेल में 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। मंडियों में प्याज़ करीब 70 से 75 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
सब्ज़ी विक्रेताओं के मुताबिक, हर दिन प्याज़ की कीमत करीब 20 रुपये तक बढ़ रही है. मंडी विक्रेताओं को आशंका है कि आने वाले दिनों में इनकी कीमतें 100 रुपये के आंकड़े को भी पार कर जाएंगी। सरकार ने फैसला लिया है कि पंजाब की मंडियों में 25 रुपये प्रति किलो प्याज़ बेचा जाएगा. इसकी शुरुआत सोमवार को जालंधर की मकसूदां मंडी से की गई।
पंजाब सरकार का तोफहा
पंजाब सरकार ने फैसला लिया है। नियमों के मुताबिक आधार कार्ड के आधार पर प्रति व्यक्ति अधिकतम चार किलो तक प्याज 25 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा. प्याज की यह डिलीवरी सुबह 9 बजे मकसूदां सब्जी मंडी में फ्रूट मंडी की दुकान नंबर 78 के बाहर स्टॉल लगाकर रियायती दरों पर दी जाएगी।
प्याज व्यापारियों टिपणी
थोक व्यापारियों के मुताबिक, नासिक और राजस्थान में प्याज की फसल खत्म होने के बाद आवक कम हो गई है. जिसके कारण कीमतें बढ़ी हैं. इसलिए अफगानिस्तान से प्याज की डिलीवरी के बाद ही कीमतों में गिरावट के कयास लगाए जा रहे थे. इस बीच केंद्र सरकार की उक्त योजना के तहत लोगों को 25 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज देकर राहत दी जायेगी।
प्याज व्यापारियों के मुताबिक, प्याज की खुदरा कीमतें 100 रुपये तक पहुंच जाएंगी. दरअसल, प्याज की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से लोगों को महंगाई का एहसास होने लगा है. पिछले एक हफ्ते में प्याज की थोक कीमतें पचास फीसदी तक बढ़ गई हैं। जो प्याज कभी 10, 40 से 50 रुपये में मिलता था, आज उसकी कीमत 80 रुपये प्रति किलो है।
प्याज के दाम बढ़ने के पीछे का कारण
दूसरी बड़ी वजह मौसम की मार से प्याज की आवक में कमी है. देश की बड़ी मंडियों का हाल देखें तो वहां प्याज की आवक कम है। इसके दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला, इस बार बेमौसम बारिश से प्याज की फसल बड़ी मात्रा में बर्बाद हुई. बारिश का पानी प्याज की उपज में घुस गया जिससे किसान उसे अधिक दिनों तक स्टोर नहीं रख सके. .पानी से प्रभावित प्याज मार्केट में आया भी तो या तो जल्द बिक गया। या फिर खराब हो गया। इससे दो-तीन महीने पहले प्याज की बड़ी खेप मार्केट से निकल गई. अब जो बचा-खुचा प्याज है, वह महंगे रेट पर निकल रहा है. भाव में बढ़ोतरी की एक वजह इस बार प्याज की कम बुवाई भी है। पिछले सीजन में किसानों को प्याज का अच्छा भाव नहीं मिला, इसलिए मायूसी में किसानों ने इस बार इसकी खेती कम की. किसानों को क्या पता कि इस बार रेट ऐसे बढ़ेंगे. कम बुवाई की आशंका से भी रेट में वृद्धि देखी जा रही है।