सुपारी का पेड़ ताड़ और नारियल के समान ऊंचा होता है। इसका तथा सीधा चिकन आरक्षण चलने तार होता है। इसके पत्ते बड़े नारियल के पत्ते के समान लंबे होते हैं। इसके फल चिकनी नारंगी रंग के होते हैं। परी के पेड़ की लंबाई लगभग 50 से 70 फीट तक होती है। इन पेड़ों से किसानों को 5 से 7 साल में पैदावार मिलने लगती है। इस पेड़ की सबसे बड़ी खासियत यह है। एक बार इस पेड़ की खेती कर देने के बाद अगले 70 वर्ष तक फल मिलते रहते है।
सुपारी में कई औषधि गुण पाए जाते हैं। मांग अधिक होने के कारण एवं इन आप अपने गुना के कारण सुपारी बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है। बाजार में सुपारी के दाम 400 से ₹600 प्रति किलो तक है। ऐसे में अगर सिर्फ एक-अकड़ खेती करने में भी किसान सुपारी की खेती करते हैं। तो वह लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं। सुपारी की खेती के लिए सबसे पहले सुपारी के बीजों में इसके पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है। उसके बाद पौधों की रोपाई होती है। सुपारी के पेड़ दिखने में एकदम नारियल के पेड़ों जैसे ही होते हैं।
सुपारी की खेती
भारत में सुपारी की खेती के मामले में दुनिया भर में पहले नंबर पर आता है पीछे का लगभग 50% सुपारी का उत्पादन के लिए भारत में ही होता है। आमतौर पर सुपारी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पान माउथ फ्रेशनर गुटका मसाला आदि में होता है। वहीं भारतीय हिंदू परिवार में किसी भी शुभ काम के लिए सुपारी से शुरुआत के लिए होने वाली पूजा में इसका खास महत्व है। धार्मिक अनुष्ठान सुपारी के बगैर पूरे नहीं होते इतना ही नहीं सुपारी में कई औषधि गुण मौजूद होते हैं। इसीलिए कई तरह की बीमारियों से बचा के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में हमारे देश में सुपारी को बहुत ही ज्यादा मन गया। इस चलते यह बहुत ऊंचे दामों पर विक्ति है। इसकी खेती से किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
इन इलाकों में होती है इसकी पैदावार
भारत में इसकी खेती केरल , असम ,पश्चिम बंगाल, और कर्नाटक में खूब होती है। दक्षिण भारत के कर्नाटक इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। सुपारी की खेती को भूमध्य रेखा के 28 डिग्री उत्तर की करना और 28 डिग्री दक्षिण क्षेत्र में करना अच्छा माना जाता है।
सुपारी की खेती के लिए खेत का PEH
सुपारी के पौधों की रोपाई के लिए सबसे अच्छा मौसम जून जुलाई का होता है। इसकी खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन दोमट चिकनी मिट्टी इसके लिए सबसे बढ़िया होती है। वही मिट्टी का पीएच 7से 8 के बीच अच्छा होता है। इसकी खेती के लिए भूरपरी मिट्टी की जरूरत होती है। इसके लिए खेती की रोटावेटर से जुताई करने चाहिए .इसकी नर्सरी करीब 12 से 18 महीना में तैयार होती है जिन गड्ढों में सुपारी के पौधे की रोपाई की जाती है। उसे पहले गोबर या कोपोस्टिक खाद डालना जरूरी है।
लाखों रुपए का होता है मुनाफा
मार्केट में किसानों को सुपारी के अच्छे दाम मिलते हैं के 400 से 600 प्रति किलो तकविक्ति है। अगर केवल एक एकड़ में भी कोई किसान सुपारी की खेती करें तो उसे वह तगड़ा मुनाफा कमा सकता है।