अगर हम दुनिया के सबसे प्रदूषित देश की गिनती करें। तो भारत पहले 10 में आता है। आंकड़े सिर्फ़ यही तक सीमित नहीं दुनिया के 25 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के नौ शहर शामिल है। देश की राजधानी हर साल की तरह इस साल भी हैवी पॉल्यूशन से गुजर रही है। दिल्ली की स्थिति के लिए हरियाणा और पंजाब में जलाई जा रही पराली को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है।ये असल में हवा प्रदूषण का बहुत बड़ा ज़रिया है।
दिल्ली मैं वायु प्रदूषण का एक और बड़ा कारण है वो है गाड़ियों से निकलने वाला धुआ। यह दावा सेंटर एंड साइंस एनवायरनमेंट के 2022 की रिपोर्ट में किया गया था। और रिपोर्ट में यह भी कहा गया था। कि दिल्ली की 51% पॉल्यूशन गाड़ियों से निकलने वाले धुएँ के चलते, कॉविड के समय जब सड़कों पर गाड़ियो की रफ़्तार थम गई थी तो प्रदूषण का ग्राफ भी तेजी से नीचे आ गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के समय इंडिया के शहरों में एयर पॉल्यूशन 50% तक कम हो गया था।
भारत की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद नॉइस पॉल्यूशन के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। और अब आप समझ गए होंगे की एयर और नॉइस पॉल्यूशन से सबसे ज़्यादा गाड़ियाँ और उनसे निकलने वाला धुआ कई हद तक ज़िम्मेदार है। बढ़ते एयर पॉल्यूशन के जिम्मेदारी शहरों में तेजी से बढ़ती गाड़ियाँ नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019 और 2021 के मुताबिक देश में इस समय 8% लोगों के पास गाड़ियाँ है। और यह गाड़ियाँ सिर्फ़ 5 टाइम इस्तेमाल की जाती है। और 95 टाइम यह पार्किंग में खड़ी रहती है। अब ज़रा यह सोचे कि देश में 50% लोगों के पास गाड़ियाँ हो जाएगी तो पॉल्यूशन और कितना बढ़ जाएगा।और ये सोच कर भी दर लगता है की किनता खतरनाक मंजर होगा अगर ऐसा हो जाएगा तो। इस जहरीली हवा से बहुत सी बीमारिया हो सकती और हम बीमार हो सकते है
वायु प्रदूषण के 5 प्रभाव क्या हैं
वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य प्रभावों में हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और वातस्फीति जैसी श्वसन संबंधी बीमारियाँ शामिल हैं। वायु प्रदूषण लोगों की नसों, मस्तिष्क, गुर्दे, यकृत और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। और भी बीमारिया लग सकती है जैसे:
- दमा दूषित हवा से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और अगर यह तकलीफ दमे का रूप ले ले, तो जानलेवा भी साबित हो सकती है. …
- खराब फेफड़े …
- निमोनिया
- ब्रोंकाइटिस …
- कमजोर दिल …
- खून का कैंसर …
- यकृत का कैंसर …
- फेफड़ों का कैंसर
भारत एक ऐसा देश है। जहाँ लोग कार रखना इज़्ज़त और सामान समझते हैं। इसीलिए यह कहना ग़लत नहीं होगा। कि भविष्य में लोगों के पास कारों का परसेंट और भी बढ़ेगा अब ऐसे में जाहिर है. कि लोगों के पास कार बढ़ेगी तो रोड इंफ्रास्ट्रक्चर भी बिल्ड किया जाएगा। इसमें डस्ट पॉल्यूशन और भी देखने को मिल सकता है। इसके अलावा रोड्स बनाने में बजरी को ज़मीन पर बिछाया जाएगा। और इससे शहर का ड्राईनिंग सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है. जो भारी संख्या में बजरी, सीमेंट और बहुत कुछ बिछाया जाएगा। जिस से पानी को ज़मीन के अंदर जाने में काफ़ी वक़्त लगेगा। जो हमारे लिए बहुत मुश्किल साबित होगा।