पंजाब मैं दो दिन की राहत के बाद अब फिर से खेतों में पराली जलाने की घटना बढ़ चुकी है जिससे लोग ज़हरीली हवा में साथ लेने के लिए मजबूर है सुप्रीम कोर्ट की फटकार और एनजीटी की सख्ती के बाद सरकार पराली जलाने की घटना पर रोक नहीं लग पा रही है। हर साल नवंबर शुरू होते ही पराली को जलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। पराली जलाने वाले किसानों पर कार्यवाही के बाद भी पराली जलाने में कमी नहीं आई. लेकिन फिर से खेतों मे पुरानी जलाने की घटनाएँ बढ़ गई है पिछले दो दिनों में खेतों में आग लगाने की 611 घटनाएँ सामने आई है।
कहाँ कितनी जली पराली?
- बठिंडा – 272
- संगरूर – 216
- मुक्तसर – 191
- फाजिल्का – 171
- मोगा – 164
- बरनाला – 132
- फरीदकोट – 129
- मनसा – 110
किसानों को ना तो सुप्रीम कोर्ट की सख्ती की कोई प्रभाव है और ना किसी कार्यवाही का डर है किसान पराली जलाते ही जा रहे हैं दिवाली से पहले बारिश होने से प्रदूषण में कुछ कमी आ गई थी। पर दिवाली के मौके पर चलाएं गए पटको ने फिर से वातावरण को प्रदूषित कर दिया है। जिससे बठिंडा का AQI 384, पटियाला 298, जालंधर 291, लुधियाना 286 अमृतसर 257 तक पहुँच गया है। प्रदूषण का इस तरह बढ़ने पर हर कोई परेशान है। खेतों से उड़ता पराली का धुआ लोगों के लिए जानलेवा बन गया है। हालांकि पराली को जलाना किसान अपनी मजबूरी बता रहे हैं।
उनका कहना है कि जब तक पराली से मुक्तिी पाने के लिए संसाधन नहीं दिए जाते तब तक खेतों में ऐसे ही पराली जलती रहेगी पंजाब में पराली जलाने के मामले बहुत बढ़ते जा रहे हैं तो वही राजनीति भी तेज हो गई है श्रोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पराली जलाने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान को घेरा है उन्होंने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है “भगवंत मान ने पराली का समाधान करने का दावा किया था। लेकिन आज वह दावे खोखले साबित हो गए हैं उल्टा सरकार किसानों पर परिचय दर्ज कर रही है। मामला पंजाब कोर्ट तक पहुँच गया है” .
देश की सबसे बड़ी अदालत पराली के मामलों को लेकर अपनी नाराजगी जता रही है। इसके बावजूद खेतों में पराली जलाई जा रही है. लेकिन जब तक किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकलता। तब तक प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल सकती। दिवाली के बाद सबसे बुरा हाल है देश की राजधानी दिल्ली का दिल्ली में वाटर स्प्रिंकल्स के जरिए पानी का छिड़काव लगातार किया जा रहा है। इसी बीच पटाखे चलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लिया और 100 केसो को भी दर्ज किया। दिल्ली में दिन और रात का पता ही नहीं चलता। दिल्ली की हवा में मानो ज़हर ही घुल गया हो। लोग मास्क लगाए बिना बाहर नहीं निकाल पाते। दिवाली के बाद दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार की कोशिश लगातार जारी है। वॉटर स्प्रिंकलर के जरिए प्रदूषण को कम करने की कोशिश जारी है लोगों का कहना है कि बारिश के बाद प्रदूषण में थोड़ा राहत थी। पर पटाखो ने फिर से प्रदूषण को और भी ज़्यादा बढ़ा दिया है। यहाँ ना तो किसान किसी की सुन रहे है और ना ही लोग किसी बात को मान रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को फटकार
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दी पंजाब को फटकार जस्टिस कौल ने कहा कि “मैंने ख़ुद पराली को जलते देखा है” पंजाब सरकार से उन्होंने कहा कि आप पराली जलाने से क्यों नहीं रोकते और उन्होंने कहा कि कोर्ट कोई राजनीति लड़ाई का मैदान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त फटकार दी और कहा अगर कोई मामला पराली का सामने आता है तो उसे पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए और सुप्रीम कोर्ट ने कहा एक ऐसी रैली निकाली जाए या फिर उन लोगों के पास जाकर उन्हें जागरूक को किया जाए। कि प्रणाली जलाने पर कितने बुरे प्रभाव पढ़ सकते हैं। हमारे और हमारे वातावरण पर और उन्होंने कहा कि अगर फिर भी लोगों पराली जलाते हैं तो उन पर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए और उन पर जुर्माना भी लगाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया पंजाब को रेड अलर्ट