आज के आधुनिक युग में कई लोग पुरानी बातों को नहीं मानते हैं, लेकिन पहले के कुछ विद्वानों और दार्शनिकों के शास्त्रों में लिखी गई बातें आज भी सत्य है. आज हम बात कर रहे हैं चाणक्य नीति यानी आचार्य कौटिल्य की जिन्होंने अपने शास्त्रों में कई सारी ज्ञान भरी बातें लिखी है और इन बातों पर अमल करके लोग अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं.
चाणक्य नीति में पति पत्नी के रिश्ते पर भी कुछ बातें लिखी गई है, इन को ध्यान में रखकर पति-पत्नी पूरी शादीशुदा जिंदगी को खुशी-खुशी जी सकते हैं. दोनों में से एक भी अपना गुस्सा नियंत्रित नहीं कर पाता तो लड़ाई झगड़े बढ़ जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने बताया है कि पति-पत्नी सुखी है तो परिवार में भी हमेशा खुशी का माहौल बना रहता है.
चाणक्य नीति में लिखा है पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में लिखा है कि पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं और दोनों को समान रूप से बैलेंस बनाकर रखना होता है. अगर एक पहिया भी गड़बड़ा गया तो सारा संतुलन बिगड़ सकता है. हमेशा पति-पत्नी को एक-दूसरे को मान सम्मान देना चाहिए और उनकी आवश्यकताओं को भी समझना चाहिए.
अगर इनके हमने कोई मुसीबत आ जाती है तो दोनों को साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम करना चाहिए ना कि एक दूसरे का विरोध करना चाहिए. कभी भी एक दूसरे को किसी चीज का घमंड नहीं दिखाना चाहिए.
जीवन में कितनी भी विषम परिस्थिति आ जाए लेकिन अगर आप अपने रिश्ते में धैर्य बनाकर रखते हैं तो बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी आसानी से पार कर सकते हैं. लेकिन आप में से अगर किसी में धैर्य नहीं है तो जल्दबाजी में सारे काम भी करते हैं और लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है. शादीशुदा जीवन को सफल बनाने के लिए हमेशा धैर्य रखना जरूरी है.
चाणक्य नीति शास्त्र में यह भी लिखा है कि पति पत्नी के बीच कुछ राज की बाते भी होनी चाहिए. इन दोनों को अपनी पर्सनल और राज की बातें खुद तक ही सीमित रखनी चाहिए किसी दूसरे को अपनी शादीशुदा जिंदगी में नहीं खींचना चाहिए. पति पत्नी दोनों को ही इस बात का अच्छे से ध्यान रखना होता है कि उनकी निजी बातें किसी तीसरे व्यक्ति के कानों तक ना पहुंचे. अगर ऐसा हो जाता है तो पति पत्नी के रिश्ते में रोज लड़ाई झगड़े होते हैं और दरार आ सकती है.