एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक जानदार रोल किए हैं। चाहे वो ‘गंग्स ऑफ़ वासेपुर’ हो या फिर ‘ओए लक्की लक्की ओए’ या फिर फुकरे, स्क्रीन पर ऋचा का काम देखकर दर्शकों को मज़ा आ जाता है। ऋचा हाल ही में अपने एक आने वाले प्रोजेक्ट को प्रोमोट करने के लिए एक बातचीत का हिस्सा थीं और उन्होंने चर्चा में चल रहे बॉलीवुड बनाम साउथ फिल्म इंडस्ट्रीज की बात पर एक बहुत काम का जवाब दिया।
बेबाक होकर अपनी राय रखने के लिए पहचानी जाने वालीं ऋचा ने एक इतनी प्रैक्टिकल बात कही कि आप भी सोचकर कहेंगे ‘बात में दम है’। ऋचा ने हाल ही में कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मुकाबले, साउथ की इंडस्ट्रीज का गणित बेहतर है। उन्होंने कहा, “इसीलिए ‘मास्टर’ जैसी एक फिल्म अच्छे नम्बर्स के साथ ओपनिंग लेती है क्योंकि साउथ मेगास्टार का एक बहुत डेडिकेटेड फैन क्लब बाहर जाता है और फिल्म देखता है।
और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और यहां के लालची फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स से उलट, वहां वो टिकट की कीमत 100 से 400रु के बीच रखते हैं भले वो फिल्म हिट हो। लेकिन यहां पर, 400 से ऊपर के टिकट प्राइस की कारण फुटफॉल (थिएटर में पहुंचे दर्शक) कम हो जाता है। दर्शक खाने पीने पर खर्च कर देते हैं। नेचुरली, सिनेमा का नुकसान होगा। इसका लेना-देना डिस्ट्रीब्यूशन से ज्यादा है।”
ऋचा ने कहा कि हिंदी फिल्मों के टिकट की कीमत को कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा खुद से होने मुश्किल है, ये ज़बरदस्ती ही करना होगा। हाल ही में रिलीज़ हुई एक फिल्म का उदाहरण देते हुए ऋचा ने कहा, “हाल ही में एक फिल्म रिलीज़ हुई, जो मुझे यकीन है कि जल्दी ही ओटीटी पर आएगी, इसके लीड एक्टर्स की नाक हवा में थी। और जब पहले दिन के कलेक्शन आए, तो वो हीरो की फीस के एक-तिहाई से भी कम थे। अगर ऐसा होता है, तो आपका गणित कैसे चलेगा?”
ऋचा ने कहा कि अगर सिनेमा को सर्वाइव करना है तो बड़े स्टेकहोल्डर्स को ज़िम्मेदारी लेनी पड़ेगी। काम की बात करें तो ऋचा ऑडीबल पर एक नई ऑडियो स्टोरी के साथ आई हैं जिसमें उनका किरदार एक सेक्स-वर्कर का है जो, जयदीप अहलावत के अंडरवर्ल्ड डॉन को मार देना चाहता है। इस प्रोजेक्ट का नाम ‘बेबी डॉल है। ऋचा जल्द ही ‘फुकरे 3’ में भी नज़र आएंगी।+