पिछले कुछ समय से हवा प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिस की वजह से सांस लेने में बहुत सारी समस्या आ रही है। हवा में बहुत सारे पदार्थ जैसे धूल धुआँ कचरा और केमिकल उत्पादन मिले होए होते है। जो वायु में माजूद होते हैं। हवा को प्यूरीफाई करने के लिए एयर प्यूरीफाई का इस्तमाल किया जाता है। इसके अलावा एयर पुरीफिकेशन वायु में मजबूत बैक्टीरिया वायरस फंगस और अन्य कीटाणु को नष्ट करता है जो बीमारियाँ के कारण बन सकते हैं।
एयर प्यूरीफायर का काम हनी कारण बैक्ट्रिया को कम करना है। और शुद्ध हवा को अशुद्ध आवश्यक होने वाली एलर्जी और अस्थमा के खतरे को रोकना है एयर प्यूरीफायर के रिजल्ट अच्छे दिखते हैं। लेकिन प्रदूषण अधिक होने की स्थिति में आपको बार-बार इसका फ़िल्टर बदलना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं करते तो मशीन खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए इसका खर्चा शहर की प्रदूषण पर निर्भर करता है। कई बार प्रदूषण को प्रभाव खत्म करने के लिए और ओजोन गैस भी अचित करते हैं। जो फेफड़े को नुकसान पहुंचती है कैंफिल केयर प्यूरीफायर सबसे महंगा होता है।
प्यूरिफाई एक ऐसा ही जंतर है जिसका इस्तेमाल किसी बंद स्थान जैसे कार्य ऑफिस आदि के अंदर की हवा में दूषित पदार्थों को अलग कर कर हवा की कुलवलटी अच्छा बनाने के लिए क्या जाता है। एयर प्यूरीफायर को ही एयर क्लीनर भी कहा जाता है इसका काम हानिकारक बैक्टीरिआ को कम करना है अशुद्ध हवा से होने वाली एलर्जी को और अस्थमा को रोकना है। एयर प्यूरीफायर कमरे की हवा को अंदर खींचता है फिर यह कैद हुई हवा को कई तरह के फिल्टर से पास करता है यहां इस हवा में मौजूद कई तरह के प्रदूषण तथा अलग होते हैं। प्यूरीफायर क्या हवा साफ करना कमरे के आकार पर निर्भर करता है। एक सामान्य आकार के कमरे की आवश्यकता करने के लिए 10 से 30 मिनट लग जाते हैं। हालांकि और प्यूरिफाई के रिजल्ट उसके फिल्टर और उसके काम करने पर निर्भर करते हैं। सभी एयर प्यूरीफायर फिल्टर के साथ ही आते हैं इसमें चार की तरह के फिल्टर आते हैं। हेपा फिल्टर कार्बन फिल्टर आई ओ आई ओ एन आई जनरेटर , अल्ट्रा पायलट रेडियस।
दिवाली पर बहुत सारे लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं जहां जाने जाने हम जानते हुए की पटाखा प्रदूषण बढ़ने में योगदान करता है फिर चाहे वह कितना भी छोटा हो उसके साथ आप प्रदूषण को बढ़ाने की योगदान करते हैं। दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ जाता है. कि आसपास के हरियाली भी इसके रोक नहीं पाती ऐसा ही एयर प्यूरीफायर लगाने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में हर साल हम स्मोक वायु प्रदूषण और सांस लेने से जुड़ी समस्या हो जाती है।
प्रदूषण का बड़ा हुआ स्तर उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। जिनको सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है। इनके फेफड़ों में पच हो गए हो। सर्दी में उनके लिए थोड़ी जयादा भयंकर हो जाती है। लेकिन ऐसे में हम आपको यह पूरी फाइल इस्तेमाल इस्तेमाल करने की सलाह देंगे। एक समय था जब लोगों का वॉटर प्यूरीफायर को क्या जरूरत जरूरी मानते थे। मगर वक्त बदलने के साथ पानी का प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया कि हर घर में वाटर प्यूरीफायर की जरूरत महसूस होने लगी। ऐसे ही आप वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि एयर प्यूरीफायर की जरूरत हम सबको होने लगी है।