अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन पिछले काफी समय से फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन’ को लेकर चर्चा में हैं। अब जबकि उन्होंने इसकी शूटिंग पूरी कर ली है । तो एक नए प्रोजेक्ट से उनका नाम जुड़ गया है। खबर है कि ऐश्वर्या ने ‘द लेटर’ नाम की एक इंटरनेशनल फिल्म साइन कर ली है, जो रवींद्रनाथ टैगोर की किताब ‘थ्री वुमन’ पर आधारित होगी।
इशिता गांगुली करेंगी डायरेक्ट
ऐश्वर्या ने अपनी अगली इंटरनेशनल फिल्म साइन कर ली है। यह रवींद्रनाथ टैगोर की किताब ‘थ्री वूमेन’ पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन फ्यूजन सिंगर और थिएटर राइटर निर्देशक इशिता गांगुली करेंगी। फिल्म में मुख्य किरदार ऐश्वर्या राय बच्चन निभाएंगी। किताब का नाम ‘थ्री वुमन’ था, लेकिन टीम ने इसे बदलकर ‘द लेटर’ कर दिया है, क्योंकि यह फिल्म कादम्बरी देवी के लेटर पर आधारित है, जो टैगोर की भाभी थीं।”
फिल्म के बारे में इशिता ने कहा, “ऐश्वर्या और मैंने कोरोना महामारी से पहले ही इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की थी। मैं मूल रूप से इसे हिंदी में बनाना चाहती थी, लेकिन जब ऐश ने कहानी पढ़ी तो उन्होंने कहा कि फिल्म को अंग्रेजी में बनाना ज्यादा बेहतर होगा। इसके बाद मैंने इसे एक इंडो-अमेरिकन फिल्म बनाने का फैसला किया।” उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि ऐश्वर्या को कहानी पसंद आई और उन्होंने इसका हिस्सा बनने के लिए हामी भरी।”
पोन्नियन सेल्वन में दिखेंगी ऐश
ऐश्वर्या जल्द ही मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन’ में दिखेंगी। यह फिल्म अगले साल दो भागों में रिलीज होगी। ऐश्वर्या इसमें नंदिनि और उनकी मां मंधाकिनी यानी डबल रोल में दिखेंगी। यह फिल्म 1995 में आई कल्कि कृष्णमूर्ति के एक उपन्यास ‘पोन्नियन सेल्वन’ के ऊपर बेस्ड है।
पहले भी ऐश्वर्या ने किए हैं इंटरनेशनल प्रोजेक्ट
यह ऐश्वर्या का पहला इंटरनेशनल प्रोजेक्ट नहीं है। उन्होंने 2004 में फिल्म ‘ब्राइड एंड प्रेज्युडिस’ से अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में अपनी शुरुआत की थी। वह ‘मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेस’, ‘प्रोवोक्ड’, ‘द लास्ट लीजन’ और ‘द पिंक पैंथर 2’ जैसी अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में अपना लोहा मनवा चुकी है।
रविंद्रनाथ टैगोर की कई कहानियों पर बनीं हैं फिल्म
भारतीय साहित्य को विश्व पटल पर स्थापित करने वाले उपन्यासकार रवींद्रनाथ टैगोर के कलम से निकलीं कई कहानियों को पर्दे पर पहले भी उतारा जा चुका है।रवींद्रनाथ की कहानी ‘काबुलीवाला’ पर फिल्मकार तपन सिन्हा ने 1957 में इसी नाम से एक बंगाली फिल्म का निर्माण किया था, उस जमाने में ये फिल्म काफी सफल हुई थी। इसके बाद बिमल रॉय ने 1961 में इसी कहानी को हिंदी में बनाकर वाहवाही लूटी। ‘घरे बाइरे’, ‘नौका डूबी’, ‘चोखेर बाली’ और ‘लेकिन’ जैसे रवींद्रनाथ के कई उपन्यासों को बड़े पर्दे में उतारकर उनकी सोच को दर्शकों के सामने लाया चुका है।