अब दूध के दाम आसमान पर तो गरीब की रसोई हुई महंगी – कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी जाने अब कितना होगा दाम

Shilpi Soni
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आज सुबह की चाय आपको रोज से महंगी पड़ेगी… क्योंकि देश की दो प्रमुख दूध सप्लायर्स ने दूध के दाम में इजाफा कर दिया है। मदर डेयरी और अमूल के दूध के दाम 2 रुपये प्रति लीटर आज से बढ़ गए हैं। दोनों ही कंपनियों ने कल दोपहर इस बात का एलान किया था और महंगाई का डबल झटका लोगों को दिया है।

कितने बढ़े हैं अमूल के दूध के दाम

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्‍क मार्केट‍िंग फेडरेशन (GCMMF) ने बताया कि, ‘अमूल दूध के दामों में 2 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अमूल गोल्ड, अमूल शक्ति और अमूल ताजा के दाम में इजाफा हो चुका है। आज से अमूल गोल्ड 62 रुपये प्रति लीटर, अमूल शक्ति 56 रुपये प्रति लीटर और अमूल ताजा का रेट 50 रुपये प्रति लीटर के रेट पर आपको मिलेगा। वहीं, 500 ग्राम यानी आधा लीटर के पैकेट की बात करें तो अमूल गोल्ड का आधा लीटर का पैकेट 31 रुपये का और अमूल ताजा का आधा लीटर का पैकेट 25 रुपये का हो जाएगा। वहीं अमूल शक्ति का आधा लीटर का पैकेट 28 रुपये का हो जाएगा।।’

कितने बढ़े हैं मदर डेयरी के दूध के दाम

बता दे की बढ़ोतरी के बाद मदर डेयरी का फुल क्रीम मिल्क अब 61 रुपये लीटर के रेट पर मिल रहा है। पहले यह 59 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था। वहीं, टोन्ड मिल्क अब 45 रुपये के बजाय 51 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं गाय का दूध अब 53 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। इसके साथ ही टोकन मिल्क अब 46 रुपये के बजाय 48 रुपये लीटर मिल रहा है।

क्‍यों बढ़ाया गया दूध का दाम

अमूल की तरफ से कहा गया है कि ‘कंपनी ने दूध के दाम इसलिए बढ़ाए हैं क्योंकि कंपनी की कुल लागत और ऑपरेशनल लागत बढ़ गई है। मवेशियों को खिलाने की लागत में साल दर साल आधार पर 20 फीसदी का इजाफा हो चुका है और इसका असर कंपनी को ग्राहकों पर डालना ही होगा। किसानों को दिए जानें वाली कीमतों में भी पिछले साल 8-9 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है।’

वही, मदर डेयरी के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘कंपनी विभिन्न इनपुट लागतों में वृद्धि का अनुभव कर रही है, जो पिछले 5 महीनों के दौरान कई गुना बढ़ गई है। उक्त अवधि में अकेले कच्चे दूध की कृषि कीमतों में लगभग 10-11 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी तरह, देश में पहले देखी गई गर्मी की लहर और विस्तारित गर्मी के मौसम के कारण फीड और चारे की लागत में भी इसी समय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कृषि कीमतों में वृद्धि आंशिक रूप से उपभोक्ताओं को दी जा रही है, जिससे दोनों हितधारकों- उपभोक्ताओं और किसानों के हितों को सुरक्षित किया जा रहा है।’

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