अंकिता भंडारी: उत्तराखंड पुलिस को पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर इलाके से गायब हुई लड़की अंकिता भंडारी की लाश मिल चुकी है. एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने मिलकर एक लड़की का शव चिल्ला पावर हाउस के नजदीक से दर्ज किया है.
यह लाश जिला पुलिस को सुपुर्द करके अंकिता भंडारी के परिजनों को शिनाख्त के लिए बुला लिया गया है. अंकिता भंडारी के परिजनों द्वारा शिनाख्त करने के बाद पुलिस ने शव को ऋषिकेश एम्स में भेज दिया है.
इस हत्या को लेकर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को पूछताछ के आधार पर गिरफ्तार किया है. आपको बता दे पुलकित आर्य हरिद्वार के बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है.
पौड़ी के एएसपी शेखर चंद्र ने बताया कि पुलकित आर्य का एक रिसोर्ट है, जहां पर अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. अंकिता भंडारी की उम्र सिर्फ 19 साल थी और वह यमकेश्वर इलाके के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली थी.
18 सितंबर से लापता अपनी बेटी को ढूंढने माता-पिता रिसोर्ट के मालिक से मिले. लेकिन उन्होंने परिजनों को गलत जानकारी दें दी.अगले ही दिन माता पिता ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसके बाद सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी को ढूंढने का कैंपेन चलाया गया तो सरकार और पुलिस दबाव में आ गई. इसके बाद इस केस को राजस्व चौकी उदयपुर तल्ला से लक्ष्मण झूला रेगुलर पुलिस को सौंप दिया गया.
इसके बाद 24 घंटे में ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई. पता चला है कि पहले तो तीनों आरोपी ही पुलिस को गुमराह कर रहे थे. लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया. उन्होंने अंकिता की हत्या शव को चिल्ला नदी में फेंक दिया था.
इस मामले में एक और बात खुलकर सामने आई है कि रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य कस्टमर्स को रिसोर्ट के लिए फाइव स्टार देने के लिए मजबूर करते थे. अगर नेगेटिव रिव्यू आता तो है उसे स्वीकार नहीं करते थे.आप सोशल मीडिया पर इसकी फोटो देखकर वहां जाते हैं तो आपको धोखा हो सकता है क्योंकि यह फोटो से बिल्कुल अलग दिखता है. फोटो में यह रिसोर्ट जितना अच्छा दिखता है उतना है नहीं.
जबकि रिसोर्ट के मालिक ने इन आरोपों को गलत ठहराते हुए उन लोगों को चोर बता दिया और उन पर महंगा सामान चोरी करने का आरोप भी लगा दिया. रिसोर्ट के मालिक ने बताया कि यह लोग 18 से 20 की संख्या में आए थे और जब हमने इनका पीछा किया तो हमने इन्हे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.