नर हो या मादा इंसान हो या जानवर हर किसी के शरीर पर निप्पल जरूर होते हैं. लेकिन पुरुषों के शरीर पर निप्पल किस काम के लिए होते हैं जबकि वह तो स्तनपान भी नहीं करा सकते? आपको बता दें कि स्तनों का विकास इंसानों के भ्रूण में ही शुरू हो जाता है. इयान टेटरसैल ने बताया जो कि न्यूयार्क सिटी में मौजूद अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की पैलियोएंथ्रोपोलॉजिस्ट है. इंसान के भ्रूण में नर हो या मादा सभी का एक ही जेनेटिक ब्लूप्रिंट होता है. इसमें कोई अंतर नहीं होता.
जब इंसान भी ओवन अवस्था में पहुंच जाता है तब इसका सही से विकास होना शुरू होता है. लेकिन पुरुषों में पाए जाने वाले निप्पल वेजिस्टीयल अंग है जो कोई काम के नहीं होते है. आपको बता दें गर्भधारण होने के 6 से 7 हफ्तों के बाद वाई क्रोमोसोम के कारण पुरुष का शरीर बनना शुरू हो जाता है. जिसमे सबसे पहले टेस्टेस का विकास होता है, जिसमे स्पर्म स्टोर होता है.
इसके साथ ही पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन भी बनना शुरू हो जाता है. भ्रूण के विकास के 9 हफ्ते के बाद यह हार्मोन निकलना शुरू होते हैं, जिससे शरीर में जेनेटिक बदलाव होते हैं और इंसान का दिमाग भी इसी अनुसार विकसित होता है.
इयान टेटरसैल ने बताया है कि पुरुषों में निप्पल पाए जाते हैं लेकिन यह किसी मेटाबॉलिक एक्टिविटी से जुड़े हुए नहीं होते हैं. उनका कहना है कि पुरुषों में निप्पल की कोई जरूरत नहीं होती है. देखा जाए तो एवोल्यूशन के हिसाब से इसका कोई काम नहीं है. इयान टेटरसैल के मुताबिक अगर पुरुषों में निप्पल नहीं हो तो भी उनके शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
आपको बता दें कि पुरुषों के शरीर में कई ऐसे होते हैं जो इवोल्यूशन के हिसाब से सिर्फ ढो रहे हैं. वैसे इनका कोई महत्व नहीं है. इयान ने बताया कि इवोल्यूशन के समय इंसान के शरीर में कई ऐसे अन्य विकसित हो गए थे, लेकिन मौजूदा समय में इनका कोई भी उपयोग नहीं है. लेकिन फिर भी वह इंसानों के शरीर पर पाए जाते हैं.
पुरुष के शरीर पर पाए जाने वाले निप्पल ही नहीं बल्कि और भी ऐसे कई अंग है, अगर उन्हें शरीर से निकाल दिया जाए तो अभी शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. जैसे कि अपेंडिक्स, पुरुषों में पाए जाने वाले स्तन उत्तक, विसडम टीथ और रीड की हड्डी का आखरी हिस्सा यानी कि पूँछ.