आजकल बहुत महंगी होती जा रही है। हर एक चीज़ महंगी होती जा रही है चाहे वो खाने वाली वस्तु हो चाहे वो पहनने वाला कपड़ा हो। अभी कुछ महीने पहले ही टमाटर की कीमती अचानक आसमान छूने लगी और इसका असर न सिर्फ लोगों की रसोई बचत पर भी अपना बल्कि देश की महंगाई दर पर भी असर पड़। दिवाली का त्योहारी सीजन आने वाला है, ऐसे में प्याज के दामों में बढ़ोतरी, दिवाली की रौनक खराब कर सकती है
प्याज के दाम
कुछ महीने पहले ही टमाटर की हिंदी अचानक आसान होने लगी पड़ा और देश की महंगाई पर भी स्थिति के हाल-चाल को लेकर के देखने को मिल रही है प्याज की कीमत लगातार बढ़ रही है और शतक के करीब है लेकिन इस पर सरकार ने टमाटर की खेती काम करने की योजना पहले ही बना ली है
आलू और टमाटर की तरह प्याज भी एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल रसोई में रोजाना किया जाता है एसएमएस की कीमत पर आसानी से बजट के लिए बेकार ने वाला साबित हो सकता है।
इस समय प्याज की कीमत की बातें आसमान छू रही है दिल्ली के कुछ इलाके में इसकी कीमत 90 रुपए के पास पहुंच गई है इसीलिए मैं पा रही हूं उनका मानना है कि यह जल्द ही ₹100 प्रति किलो का आंकड़ा भी पार कर सकता है रिपोर्टर्स के मुताबिक देश के कई अन्य कर्मचारियों की कीमत पर भेजा जा रहा है।
इसके साथ ही प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बीते शनिवार को एक और बड़ा फैसला लिया गया है इसके तहत डीजीएफटी ने प्याज का निर्यात मूल्य 800 डॉलर प्रति टांग घोषित करने का फैसला किया है इस फैसले से देश में पैदा होने वाला प्याज बाहर नहीं देख पाएगा क्योंकि प्रति किलोग्राम इसकी कीमत करें बस 60 इन रुपए होगी इसका मतलब क्या है कि यह प्याज बड़ी मात्रा में देश के बाजारों में पहुंचेगी प्याज पर नया निर्यात मूल्य करते समय 2023 तक लागू रहेगा।
दिल्ली गाजियाबाद में सस्ता हुआ प्याज।
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में दूसरे राज्यों से आए अधिक तक प्याज को सस्ते दाम पर बेचने पर काम चल रहा है यहां लोगों को दहेज ₹25 प्रति किलो की दर से ब्याज भेजा जा रहा है तुम्हारी सीजन में सरकार की यह पहन लोगों के लिए किसी बड़ी राहत से काम नही।
प्याज की कीमतें बढ़ने का कारण ?
ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है, जिसके चलते कीमतों पर असर हुआ है. वहीं, स्टॉक रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आने में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है. परिणामस्वरूप थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं।
क्योंकिकर्नाटक और आसपास के इलाकों में बारिश न होने की वजह से प्याज की पैदावार उम्मीद के बराबर नहीं हो सकी, जिसकी वजह से अब मार्केट में प्याज नहीं आ पा रहा है. जब सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा हो तो ऐसे में दाम बढ़ना लाजिमी है।