डेस्क।टोक्यो ओलंपिक्स में आखिरी दिन रेसलिंग में बजरंग पूनिया ने देश को ब्रॉन्ज मेडल जिता दिया है. उन्होंने काजाकिस्तान के नियाजबेकोव को हराकर यह कामयाबी हासिल की है । वो पोडियम में थोड़े मायूस दिखे क्योंकि वो टोक्यो में गोल्ड की तैयारी करके आए थे। लेकिन चोट के बाद भी कांस्य पदक जीतना आसान नहीं था।
इससे पहले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया को टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती 65 किलोग्राम वर्ग के सेमीफ़ाइनल में अज़रबैजान के पहलवान हाजी अलियेव से शिकस्त का सामना करना पड़ा था, जिससे बजरंग पूनिया को गोल्ड का सपना टूट गया था ।ओलंपिक में बजरंग का यह पहला मेडल है । इसी के साथ वो किसी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में तीन मेडल जीतने वाले एकलौते भारतीय बन गए हैं।
योगेश्वर दत्त बने बजरंग के मेंटर
बजरंग ने 14 साल के उम्र में अखाड़े में ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया और जल्दी ही वह ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त से मिले। इसके बाद योगेश्वर उनके मेंटर के साथ-साथ पार्टनर भी बनें। बजरंग पुनिया का नाम सबसे पहले सुर्खियों में साल 2013 में सबसे पहले आया, जब उन्होंने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप और वर्ल्ड चैंपियनशिप मेंस फ्रीस्टाइल 60 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता । बजरंग पुनिया को साल 2019 में भारत के सबसे बड़े खेल अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया।
कौन हैं लाइफ पार्टनर ?
द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित महाबीर फोगाट की तीसरी बेटी एवं अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान संगीता फोगाट बजरंग की हमसफर हैं।दोनों पहलवान पिछले साल 25 नवंबर को परिणय सूत्र में बंधें. शादी में दोनों ने सात नहीं बल्कि आठ फेरे लिए। आठवां फेरा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए था।
कितनी है बजरंग की कमाई ?
बजरंग पुनिया पेशे से रेसलर हैं लेकिन वो रेलवे में ओएसडी के पद पर काम करते हैं। ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें 1 करोड़, रेलवे ने 1 करोड़, ओलंपिक संघ ने 75 लाख रुपए इनाम में दिए हैं। साल भर की कमाई की बात करें तो वो 1 करोड़ से ज्यादा की आय अर्जित कर लेते हैं। इसके अलावा बजरंग के पास कई महंगी गाड़ियां भी हैं।