हाल में ही की गई एक नई खोज के मुताबिक एक दिन में तकरीबन 5 कप चाय पीने से 85 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की सटीकता और प्रतिक्रिया की गति में अन्य के अपेक्षा इजाफा देखा गया है।
चाय के बारे में 14 साल तक लगभग पांच लाख से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक जो तथ्यो के बारे में पता चला है। उसे जानकर आपको भी काफी दिलचस्प लगेगा अध्ययन के मुताबिक जो लोग चाय पीने के आदी हैं। चाय ना पीने वालों की अपेक्षा चाय जीने की संभावना होती है। चाय की स्वास्थ्य वर्धक गुणों का जिक्र हम नहीं कर रहे बल्कि l इन बातों की जानकारी हमें कई शोध के जरिए मिल रही है।
अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों इस कड़ी में काफी अध्ययन किया है।उसी को आधार मानकर कुछ बातें जो पता चली है।उसे जानकर आपको काफी हैरानी होगी।वैज्ञानिकों ने एक विशाल डेटाबेस में उपलब्ध आंकड़ों का अच्छे से विश्लेषण किया है। इस डेटाबेस में इंग्लैंड के पांच लाख से अधिक लोगों को चाय से संबंधित आदतों के आंकड़े शामिल किए गए थे। ये आंकड़े इन लोगों से 4 साल तक बातचीत करने के दौरान जुटाए गए थे।
वही विश्लेषण करने के दौरान विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य ,सामाजिक आर्थिक स्थिति, धूम्रपान, शराब और खानपान के अलावा आयु, नस्ल और लिंग के आधार पर निष्कर्षों में आवश्यक अदला बदली भी की।इस विशाल अध्ययन के निष्कर्ष में एक ही बात निकल कर आई कि जो लोग अधिक चाय का सेवन करते हैं। उनके जीने की संभावना चाय न पीने वालों से थोड़ी अधिक होती है। वही जो लोग रोजाना तौर पर दो या उससे अधिक चाय पीने का शौक रखते हैं। उन लोगों के ऊपर मौत का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा 9 से 13 फ़ीसदी कम होता है।
वैज्ञानिकों की मानें तो चाय का तापमान और उसमें दूध व चीनी का मिश्रण किए जाने के बावजूद इसके नतीजों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा।चाय में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो कि क्षय को रोकते हैं ।चीन और जापान में जहां ग्रीन टी को सबसे अधिक तवज्जो दी जाती है। वहां इससे पहले भी कई तरह के अध्ययन हो चुके हैं। जिसमे स्वीकारा गया है कि चाय में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। ब्रिटेन में सबसे अधिक पेय पदार्थों में काली चाय को दिया जाता है।
वही एक और अन्य अध्ययन के अनुसार शोधकर्ता का कहना था कि ह्रदय रोगों का चाय से कुछ हद तक संबंध है लेकिन कैंसर की मौतों का चाय से दूर दूर तक कोई रिश्ता स्थापित नहीं हो पाया है।
वहीं एक अन्य शोध के अनुसार जो लोग एक दिन में पांच कप चाय पीने के आदी हैं और उनकी उम्र करीब 85 वर्ष से अधिक है।ऐसे लोगों में सटीकता और प्रतिक्रिया शक्ति की गति में गजब का इजाफा होने की संभावना जताई गई है। इसके अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 2006 और 2020 के मध्य एकत्रित लगभग 1000 से अधिक 85 वर्ष बुजुर्ग प्रतिभागियों के डेटा का बखूबी अध्ययन किया ।उनकी प्राथमिकता इस बात का पता लगाना था कि काली चाय पीने से क्या वाकई मेमोरी लॉस से बचाव होता है।