बीआर चोपड़ा की महाभारत एक एपिक ड्रामा है। जो आज भी दर्शकों के बीच उतनी ही पॉपुलर है जितनी बरसों पहले थी। आज भी टीवी पर लोग महाभारत सीरियल को खुशी से देखते हैं। इस सीरियल में जितने भी कलाकारों ने काम किया उन्होंने उस किरदार में जान डाल दी। फिर चाहे भीष्म पितामह बने मुकेश खन्ना हो,दुर्योधन बने पुनीत इस्सर या फिर नीतिश भारद्वाज जिन्होंने कृष्ण का रोल प्ले किया था। महाभारत में महाबल शाली गदाधारी भीम का दमदार किरदार फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती ने निभाया था । प्रवीण सोबती अब 74 साल के हो चुके हैं।
लेकिन ये कम लोगों को पता है कि प्रवीण की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है।महाभारत के बाद स्टार बने प्रवीण के पास अब काम नहीं है। लिहाजा उनके पास अपना खर्च चलाने तक को पैसे नहीं हैं। आप प्रवीण की खराब हालत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि हाल ही में उन्होंने पंजाब सरकार के सामने आर्थिक मदद के लिए हाथ फैलाया था।
इस दौरान प्रवीण ने कहा कि उन्हें पंजाब सरकार से काफी शिकायत है। क्योंकि प्रवीण ने देश के लिए एशियन गेम खेलकर मेडल जीते हैं । बावजूद इसके दूसरे खिलाड़ियों को पेंशन दी जा रही है। जबकि प्रवीण को नहीं।
आपको बता दें प्रवीण कुमार सोबती एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे खिलाड़ी भी थे। प्रवीण ने दो बार ओलंपिक, एशियन, और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम पूरी दुनिया भर में रोशन किया है। अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती को साल 1967 में खेल जगत के सर्वोच्च पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत तक अपने टैलेंट के दम पर एक बड़ा मुकाम हासिल करने वाले अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भी पैसों के लिए मोहताज हैं।
कोरोना काल में बीमार पड़े प्रवीण का देखभाल उनकी पत्नी करती हैं. लेकिन पैसे नहीं होने कारण बड़ी ही मुश्किल से घर का खर्च चल पाता है। प्रवीण की मानें तो रिश्ते सिर्फ नाम के लिए रह गए हैं। क्योंकि उनके परिवार में ऐसे कई लोग है जिनके पास पैसों की कमी नहीं है। लेकिन बुरे वक्त में कोई आगे नहीं आया। बीमार रहने के कारण प्रवीण की जमा पूंजी उनके इलाज में खत्म हो गई है। ऊपर से दवाईयों का खर्च और परहेज के कारण बीमारी में रही सही पूंजी भी जा रही है। इस मुश्किल वक्त में उन्हें अब सरकार से ही आस है ताकि जीवन के सबसे मुश्किल वक्त में उन्हें बड़ी मदद मिल सके।