‘Feel the Pain’ campaign: पीरियड (Period) और इसके साथ ही होने वाला दर्द यानी क्रैम्प्स (Cramps) यह दोनों बातें आज भी हमारे देश में ये एक टैबू (Taboo) है। आज भी हम इस मुद्दे पर खुलकर बात करने में असहज महसूस करते हैं लेकिन केरल (Kerela) में एक कैंपेन चल रहा है जो इस सोच को बदलने के प्रयास में लगा हुआ है।
केरल (Kerela) में ‘फील द पेन’ कैम्पेन (Feel the Pain’ campaign) के ज़रिए एर्णाकुलम के कॉलेज, मॉल, और मेट्रो में जारूकता फैलाई जा रही है। पीरियड सिम्युलेटर के ज़रिए पुरुषों को भी वो दर्द महसूस करने का मौका दिया जा रहा है जिससे कई महिलाएं हर महीने ही जूझती हैं।
लड़कों को कुर्सी पर बैठाकर इलेक्ट्रिक करंट से पीरियड क्रैम्प (Period Cramps) जितना दर्द दिया गया। लड़के दर्द से कराह उठे वहीं के चेहरे पर शिकन तक नहीं आई। अब इन सभी लोगों के रिएक्शन की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
महिलाएं हर महीने जिस दर्द से गुजरती हैं, जब पुरुषों को पीरियड सिम्युलेटर के जरिए उस दर्द का एहसास करवाया गया, तो वे उसका सिर्फ 10% हिस्सा भी नहीं झेल पाए। इस प्रयोग का हिस्सा बने फहीम रहमान ने बताया कि, जब तक क्रैंप (Period Cramps) खत्म नहीं हो गए, मैं किसी और चीज के बारे में सोच भी नहीं पाया।
कैंपेन (Feel the Pain’ campaign) डिजाइन करने वाली सांद्रा सैनी ने कहा हैं, मैंने यूट्यूब पर अक्सर ही एक्सपिरिमेंट देखे थे। फिर इसे यहां अपने देश में आजमाया। कैंपेन के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें सिम्युलेटर बैंड से बंधे पुरुष क्रैंप की वजह से रो रहे हैं, वहीं औरतें हंसती हुई नजर आ रही हैं। सांद्रा सैनी ने बताया कि हैं, सिम्युलेटर के 45-50 के लेवल तक जाते-जाते पुरुष क्रैम्प (Period Cramps) सह नहीं पाए और इसे रोकने को कहते हैं। ज्यादातर पुरुषों में ये कुछ ही पुरुष 60 के लेवल तक इसे बर्दाश्त कर पाए थे।इस प्रकार पुरुष पीरियड की तकलीफ का 10% हिस्सा भी बर्दाश्त नहीं कर पाएं।
महिलाओं के पास पीरियड्स में इन क्रैंप को रोकने का कोई ओप्शन नहीं है। साथ ही हमारे देश में मुश्किल यह है कि वे अपना दर्द परिवार में भी खुलकर नहीं बता सकतीं। कोऑर्गेनाइजर अखिल मैन्यूल ने कहा कि,” पीरियड्स पर हमारे समाज को सहज होना होगा ताकि महिला या पुरुष दोनों इस पर खुलकर बात कर पाएं। पुरुषों में पीरियड्स से जुड़ी जागरूकता के लिए केरल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन फील द पेन कैंपेन (Feel the Pain’ campaign) चला रहा है।
इस विषय पर खुलकर चर्चा हो सके, इस लिए 1000 लोगों की टीम स्कूल-कॉलेज और ट्रेनों में जाकर जागरूकता फैला रही है। इस अभियान के तहत एक दिन में 1 लाख मेन्स्ट्रूअल कप फ्री बांटकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया गया है।
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