Heart Attack In Young Age: आजकल युवाओं को हार्ट अटैक आना बहुत सामान्य सी बात हो गई है। इसके लक्षणों को जानना और इससे ख़ुद का बचाव करना बहुत ज़रूरी हो चुका है। जानिए इससे बचाव के उपायों को।
आजकल कम उम्र में ही हार्ट अटैक के मामले बहुत ज़्यादा बढ़ रहे हैं। इसकी पीछे का मुख्य कारण युवाओं की बदलती जीवन शैली है। आजकल के युवाओं को सिर्फ़ बाहर का खाना पसंद आ रहा है। उनमें सिगरेट और नशे की लत इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि यह हार्ट अटैक का कारण बन रहा है। और बहुत कम उम्र में ही युवक और युवतीयां अपनी ज़िंदगी से हाथ धो दे रहे हैं। आए दिनों हार्ट अटैक के मामले सामने आते रहते हैं। हाल में ही खबर आई थी कि 32 वर्षीय पंखुड़ी श्रीवास्तव जो ग्रैब हाउस की फाउंडर थीं। उनकी मृत्यु हार्टअटैक के कारण हो गई। ऐसे ऐसे मामले देखने के बाद लोग यह सोचने पर मजबूर हो जा रहे हैं कि आख़िर इसके पीछे का कारण क्या है? और इससे बचने का उपाय क्या है?
हार्ट रोग (Heart Attack In Young Age) विशेषज्ञ की माने तो हार्ट अटैक के केस को रोकने के कई तरीके हैं। इसे रोकने के लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करना होगा। और उसके साथ-साथ हेल्दी डाइट लेना होगा। अगर आपको हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण नज़र आ रहें हैं तो आप तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। आइए हाल ही में हुए कुछ ऐसे केसेज के बारे में जानते हैं जिनकी बहुत कम उम्र में ही हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।
केस 1:
हाल में ही एक फ़ुटबॉल खिलाड़ी Sofiane Loker की हार्ट अटैक के कारण अल्जीरिया में मृत्यु हो गई। इन्हें अल्जीरिया में लीग 2 टूर्नामेंट के दौरान ही अचानक हार्ट अटैक आ गया। जिससे उनकी मृत्यु हो गई। बताया गया कि Sofiane अपनी टीम के गोलकीपर के साथ ही टकरा गए। और वहीं उन्हें हार्ट अटैक आ गया। उसके बाद मैदान में ही उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन की खबर आने से खेल प्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
केस 2:
हार्ट अटैक से हुई एक और मौत की ख़बर आई जिसे सुनकर सभी अवाक रह गए। यह मौत थी 32 वर्षीय पंखुड़ी श्रीवास्तव की। 32 साल की पंखुड़ी ग्रैब हाउस की फाउंडर थीं। इन्होंने साल 2019 में ही सोशल कम्युनिटी पंखुड़ी और ग्रैब हाउस कंपनी की शुरुआत की थी। पंखुड़ी ने बहुत कम उम्र में ही महिलाओं को लेकर एक स्टार्टअप की शुरुआत की थी। लेकिन अचानक हुई उनकी मृत्यु ने सबको झकझोर कर रख दिया।
केस 3:
कुछ दिनों पहले आईआईटी मुंबई के 39 वर्षीय एसोसिएट प्रोफेसर की भी हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। प्रोफेसर लीला पंचकालरा केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में थें। प्रोफेसर पंचकालरा अचानक अपने ऑफिस में ही गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाते जाते उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
इनकी तरह ऐसे हज़ारों लोग हैं, जिनकी बहुत कम उम्र में ही हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो जा रही है। यह विषय सभी को सोचने पर मजबूर कर दे रहा है कि आख़िर इसके पीछे कारण क्या है? क्यों इतनी कम उम्र में ही लोगों को हार्टअटैक हो रहे हैं?
आइए जानते हैं इसके पीछे के कुछ कारणों को (Causes and prevention of heart attack in young age)
1. बदलती जीवनशैली
युवाओं और युवतियों (Causes of heart attack in younger generations) की बदलती लाइफस्टाइल ने उनके बीच हार्टअटैक के मामलों को बढ़ा दिया है। व्यस्त हो चुकी ज़िंदगी में कम उम्र के लोग अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं दे रहें हैं। पूरे दिन काम करना, हर समय समस्याओं से घिरे रहना हार्ट अटैक के मामले को बढ़ावा दे रहा है। व्यस्त होने के कारण लोग अपने सेहत पर और अपनी ज़रूरतों पर ध्यान नहीं दे पा रहें हैं। अगर वह अपने सेहत पर ठीक से ध्यान देने लगे तो यह मामले ज़रूर कम होंगे।
2. युवाओं के बीच स्ट्रेस का बढ़ना
जो लोग कम उम्र में ही बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेते हैं उन्हें हार्ट अटैक की शिकायत ज़्यादा होती है। ज़्यादा स्ट्रेस लेने से बीपी बढ़ता है। और बीपी हार्ट अटैक होने का एक मुख्य कारण होता है। अगर लोग अपनी दिनचर्या में योगा और व्यायाम को शामिल करें तो हार्ट अटैक के मामले तेजी से घट सकते हैं।
3. जंक फ़ूड का सेवन
आजकल के युवा घर के खाने से ज़्यादा जंक फ़ूड का बहुत ज़्यादा सेवन कर रहे हैं। यही वजह है कि उनमें हार्टअटैक के मामले बहुत होते हैं। स्वाद और थोड़े से आलस की वजह से लोग घर से लंच ना ले जाकर ऑफिस या कॉलेज के बाहर ही खाना पसंद करते हैं। जिससे दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। अगर जंक फ़ूड को अवॉइड किया जाए तो हार्टअटैक के मामले भी कम होने लगेंगे।
4. सिगरेट और नशे की लत
अगर आप सिगरेट या नशे की लत के शिकार हैं तो आप कभी भी हार्ट अटैक के भी शिकार हो सकते हैं। आजकल सिगरेट पीना कम उम्र के बच्चों में फैशन हो गया है। सिगरेट पीना सीधा दिल पर असर करता है। अगर हार्ट अटैक से बचना है तो सिगरेट और नशे की लत को भी छोड़ना होगा।
दिल को कैसे रखें स्वास्थ्य (How to keep heart healthy)
:- अपनी दिनचर्या में योगा, मेडिटेशन और व्यायाम को ज़रूर शामिल करें।
:- जंग फ़ूड और बाहर के खाने को पूरी तरह से अवॉइड करें।
:- खाने में ज़्यादा तेल और नमक का इस्तेमाल ना करें।
:- अपनी डाइट में रिच फूड्स को शामिल करें।
:- हर रोज़ मॉर्निंग वॉक करें। जितना हो सके पैदल चलें और लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
:- काम का स्ट्रेस कम लें और भरपूर नींद लें।
वैसे कई बार हार्ट अटैक के मामले के पीछे आनुवांशिक कारण भी होता है। जैसे अगर पहले से घर में किसी को हार्ट की समस्या है तो यह समस्या नेक्स्ट जेनरेशन में भी किसी को हो सकती है। कभी-कभी जेनेटिक कारणों से भी हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। वैसे अगर आप ऊपर बताए गए उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो बहुत हद तक आप हार्ट अटैक से ख़ुद को बचा सकते हैं।