काली कमाई से धन कुबेर बने डेढ़ सौ से अधिक अफसरों के खिलाफ दर्ज होगी रिपोर्ट
सेवानिवृत्त कर्मचारी के घर मिला धन कुबेर का खजाना, 17 किलोग्राम सोना और मिले इतने नोट की सीबीआई अधिकारी नापते नापते थक गए, जानिए कहा से आया इतना पैसा ? जाहिर है, कुबेर का खजाना एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के घर पर पाया गया था, उन्होंने नोटों की गिनती के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया, हालांकि उन्हें पता नहीं था कि पैसा कहां से आया है। राज्य-दर-राज्य सीबीआई देश के अलग-अलग हिस्सों में जांच कर रही है।इसके अतिरिक्त, सीबीआई ने राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में एक सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी के यहां छापा मारा। प्रमोद कुमार जेना के यहां अभी छापेमारी की जा रही है। इनके पास से अब तक कई किलो सोना और एक करोड़ 57 लाख से ज्यादा कैश बरामद हो चुका है। रिटायर्ड अधिकारी की संपत्ति को लेकर सीबीआई अधिकारी भी सदमे में हैं. भारतीय रेलवे यातायात सेवा के पूर्व अधिकारी प्रमोद कुमार जेना भारतीय रेलवे यातायात सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं। सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी के दौरान एक करोड़ 57 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई है
लखनऊ,उत्तर प्रदेश में काली कमाई से धन कुबेर बनने वाले लोगों के बुरे दिन आने वाले हैं। भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर नहीं सहने की बात करने वाली योगी सरकार ने डेढ़ सौ से अधिक भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। गृह व गोपन विभाग ने आर्थिक अपराध शाखा को आदेश जारी किया है कि भ्रष्टाचार में शामिल डेढ़ सौ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। जिसकी संस्तुति भी कर दी गई है। ऐसे में साफ है कि अब राशन घोटाले से लेकर खाद्यान्न घोटाले और क्षतिपूर्ति घोटाले से लेकर अन्य घोटालों में जनता के पैसे को हजम करने वाले अफसरों को जेल जाना होगा।
सरकार ने इसके लिए आर्थिक अपराध शाखा को अलग से थाना बनाकर उसमें एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है, जिससे पूरे मामले की जांच में गोपनीयता बनी रहे। यूपी की भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले जीरो टॉलरेंस की बात की थी और कई अफसरों को अनियमितता के आरोप में जबरन रिटायर कर दिया था। लेकिन सीएम योगी ने एक माह पहले समीक्षा बैठक की तो इस बात का अंदाजा लगा कि 450 से अधिक भ्रष्टाचार की फाइलें लंबित हैं और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाई नहीं हो रही है। सीबीसीआईडी, ईओडब्ल्यू, एंटी करप्शन समेत कई जांच एजेंसियों ने यूपी के भ्रष्ट अफसरों और माननीयों के भ्रष्टाचार की काली फाइलों को छुपा कर रखा है।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो माह के भीतर सभी फाइलों का निस्तारण कर कार्यवाई करने की बात कही और रिपोर्ट भी तलब की। इसके साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव गृह की निगरानी में समिति का गठन किया गया है। आर्थिक अपराध शाखा में लंबित 144 मामलों की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं, इनमें डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारी शामिल हैं। अब अफसरों में हड़कंप मच गया है।