खेल जगत में अनेक खिलाड़ियों की एंट्री होती है, जिसमें सफलता हर किसी को नसीब नहीं होती। ऐसे कम ही प्लेयर होते हैं, जो कामयाबी की बुलंदी पर पहुंच पाते हैं। वहीं, उसमें भी चुनिंदा खिलाड़ी होते हैं, जिनकी जिंदगी और करियर पर बायोपिक बनती है।
भारत में कई पुरुष क्रिकेटर्स की जिंदगी को पर्दे पर दिखाया गया है, लेकिन पहली बार किसी महिला क्रिकेटर पर बायोपिक आने वाली है। यह महिला खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी हैं। झूलन की बायोपिक में अनुष्का शर्मा लीड रोल में नजर आएंगी। इस फिल्म का नाम ‘चकदा एक्सप्रेस’ है।
340 अंतरराष्ट्रीय विकेट चटका चुकी हैं झूलन
39 वर्षीय झूलन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज 2002 में किया था। उन्होंने पिछले 20 साल में क्रिकेट की दुनिया में जबरदस्त छाप छोड़ी है और अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
वह अब तक 340 अंतरराष्ट्रीय विकेट चटका चुकी हैं। दाएं हाथ की गेंदबाज झूलन ने वनडे में 240, टी20 इंटरनेशनल में 56 और टेस्ट में 44 विकेट अपने नाम किए हैं। वह महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं।
वह 2000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय ओवर डालनी वाली हैं इकलौती महिला बॉलर हैं। बता दें कि झूलन टीम इंडिया की कप्तान भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2010 के विश्व कप में भारत की अगुवाई की थी और टीम सेमीफाइनल तक पहुंची।
It is a really special film because it is essentially a story of tremendous sacrifice. Chakda Xpress is inspired by the life and times of former Indian captain Jhulan Goswami and it will be an eye-opener into the world of women’s cricket. pic.twitter.com/eRCl6tLvEu
— Anushka Sharma (@AnushkaSharma) January 6, 2022
परिवार नहीं चाहता था झूलन क्रिकेटर बनें
झूलन का जन्म 25 नवंबर, 1982 को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के चकदा में हुआ था। उन्होंने बचपन में ही क्रिकेटर बनने का ख्वाब देख लिया था। झूलन में क्रिकेटर बनने की हसरत 1992 में जागी थी, जब उन्होंने 12 साल की उम्र में क्रिकेट वर्ल्ड कप देखा।
हालांकि, झूलन के मां-बाप शुरुआत में नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक क्रिकेटर बने। दरअसल, उस वक्त देश में महिला क्रिकेट की कोई खास पहचान नहीं थी। इसके अलावा झूलन जहां रहती थीं, वहां इस खेल की बारीकियों को सीखने के लिए कोई उचित व्यवस्था भी नहीं थी।
ट्रेनिंग के लिए 80 किमी. दूर जाती थीं झूलन
झूलन ने क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। उन्हें क्रिकेट की बारीकियां सीखने के लिए हर रोज 80 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। वह यह सफर लोकल ट्रेन से करती थीं। वह सुबह चार बजे की ट्रेन से ट्रेनिंग के लिए कोलकाता जाती थीं।
View this post on Instagram
उन्होंने तमान संघर्षों को अपने ख्वाब के आड़े नहीं आने दिया और लगातार जुनून को बनाए रखा, जिसके चलते उन्हें सफलता हाथ लगी। गौरतलब है कि झूलन एक समय पर दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज हुआ करती थीं। वह 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डाला करती थीं।