कभी क्रांतिकारी तो कभी निर्देशक बने कॉमेडियन उत्पल दत्त, देखे उनकी पांच जबरदस्त कॉमेडी फिल्मे

Shilpi Soni
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बेहतरीन कॉमेडी के लिए आज भी उत्पल दत्त को बॉलीवुड में याद किया जाता है। भारत की सबसे बड़ी थिएटर हस्तियों में से एक, उत्पल दत्त एक जागरूक क्रांतिकारी नाटककार,अभिनेता और थिएटर निर्देशक थे। उन्होंने अपने हर किरदार को बड़ी सहजता से निभाया, चाहे फिर वो विलेन का हो या कोई कॉमेडी रोल।

29 मार्च 1929 को जन्में उत्पल साहब ने बॉलीवुड में कई आइकॉनिक किरदार निभाए, जिन्हें भूल पाना नामुमकिन लगता है। उनकी कई मजेदार फिल्मों ने लोगों को खूब हंसाया। कॉमेडी फिल्मों के किंग कहे जाने वाले उत्पल दत्त की 92वीं जयंती पर हम आपको उनकी बेस्ट कॉमेडी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं।

गोलमाल (1979)

Prashant Pandey on Twitter: "41 Years #Golmaal (20/04/1979) हृषिकेश मुखर्जी  की फिल्म गोलमाल ने रिलीज के 41 साल पूरे किए हैं. अमोल पालेकर, उत्पल दत्त,  बिंदिया गोस्वामी ...

साल 1979 में आई फिल्म ‘गोलमाल’ में उत्पल दत्त द्वारा निभाया गया किरदार निस्संदेह हिंदी सिनेमा में उनका सबसे पसंदीदा किरदार है। ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दत्त साहब ने एक  भवानी शंकर की भूमिका निभाई थी, जो अपने गुस्से और मूंछों के लिए जाना जाता था। इस किरदार के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता था।

नरम गरम (1981)

Naram Garam (1981) | MUBI

ऋषिकेश मुखर्जी की इस फिल्म में उन्होंने एक बूढ़े जमींदार के किरदार को पर्दे पर उतारा था। उत्पल साहब ने इसमें अपनी कॉमिक टाइमिंग से लोगों को खूब हंसाया और इसके लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी अपने नाम किया था।

शौकीन (1982)

27th death anniversary of Utpal Dutt | 27th Death Anniversary: उत्पल दत्त  'एक्टिंग' की दुनिया में इस वजह से आए थे| Hindi News, बॉलीवुड

1982 में आई बासु चटर्जी की फिल्म ‘शौकीन’ बेहतरीन कॉमिडी फिल्मों में से एक मानी जाती है। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो ट्रिप पर जाते हैं और वहां रति अग्निहोत्री से उन तीनों को प्यार हो जाता है। बासु चटर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उत्पल ने एक मध्यम आयु वर्ग के रूढ़िवादी व्यक्ति की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में वह एक-एक पैसे का हिसाब रखने वाले कंजूस इंसान का किरदार निभाते नजर आए थे।

किसी से न कहना (1983)

Kissi Se Na Kehna (1983)

किसी से न कहना में उत्पल दत्त ने एक ऐसे पिता का रोल निभाया, जिसे लगता है कि शिक्षा ने देश की महिलाओं को बर्बाद कर दिया है। इसलिए वह अपने बेटे के लिए अनपढ़ बहू ढूंढने निकल जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश, उनके बेटे को एक डॉक्टर से प्यार हो जाता है। उत्पल के इस किरदार को भूल पाना थोड़ा मुश्किल है।

अंगूर (1982)

Daily life comedy in Utpal Dutt & Shammi's life - Angoor - Superhit Hindi  Movie Scene - YouTube

1982 में आई इस कॉमेडी फिल्म में संजीव कुमार और देवेन वर्मा डबल रोल में थे और उत्पल दत्त उनके पिता के रोल में थे। विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘ए कॉमेडी ऑफ एरर्स’ से प्रेरित, अंगूर एक जैसे जुड़वा बच्चों की कहानी को दिखाती है जो कम उम्र में अलग हो जाते हैं। लेकिन कई वर्षों बाद चारों एक-दूसरे से टकरा जाते हैं।

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