अजीबोगरीब: आपने दुनिया में ऐसे ही कई अजीबोगरीब परंपराएं सुनी होगी जिनके बारे में आपको यकीन नहीं होता है. भारत देश में बड़े बुजुर्गों द्वारा दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया जाता है ताकि उनकी नई जिंदगी खुशहाल और सभी संकटों से मुक्त रहें.
आज तक आपने कई अजीबोगरीब परंपराओं के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें दूल्हा-दुल्हन को अजीबोगरीब तरीके से आशीर्वाद दिया जाता है.इस परंपरा को सुनने के बाद आपको अपने कानों पर यकीन नहीं होगा. लेकिन केन्या देश में एक जनजाति इस प्रकार अपने नए दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देती है.
केन्या देश की जनजाति में दुल्हन के ऊपर थूक कर उसे आशीर्वाद दिया जाता है. बताया जाता है कि जब लड़की की विदाई होती है तो इसके पिता लड़की पर थूक कर उसे आशीर्वाद देते हैं.
हम आपको इस अजीबोगरीब परंपरा के बारे में बताते हैं और यह भी बताते हैं कि इस तरह से आशीर्वाद क्यों दिया जाता है और इसके पीछे का क्या कारण है?
अजीबोगरीब: बेटी पर थूक कर पिता देता है आशीर्वाद
तंजानिया और केन्या में एक मसाई नाम की जनजाति पाई जाती है. इस जनजाति में जब लड़की की विदाई होती है तब उसका पिता अपनी बेटी के ब्रेस्ट और सिर पर थूक कर उसे आशीर्वाद देता है.ऐसी परंपरा कई सदियों से यहां चलती आ रही है और बताया जाता है कि पिता के थूकने पर बेटियां इसे अपना आशीर्वाद समझते हैं. यहां पर लोगों का प्यार जताने का यह अनोखा तरीका है.
अजीबोगरीब: मुंडवाते हैं बेटी का सिर
इस जनजाति में बेटी की शादी होती है और लड़के वालों को दहेज दीया जाता है तो लड़की के सिर के बाल मुंडवा दिए जाते है. अपने पिता के सामने घुटने टेकती है और सभी लोगों ने आशीर्वाद देते हैं.
इसके बाद आशीर्वाद देते समय घर के सभी बुजुर्ग बेटी के ब्रेस्ट और सिर पर थूकते हैं. इस तरह की परंपरा के लिए बताया जाता है कि यह बेटी के लिए अच्छा होता है. जानकारी के अनुसार यह नई दुल्हन के साथ ही नहीं बल्कि नवजात बच्चों के साथ भी होता है.
अजीबोगरीब: पत्थर में बदल जाती है दुल्हन
केन्या और तंजानिया में रहने वाले मसाई समुदाय का मानना है कि इनके यहां थूकना सम्मान की बात होती है. जब कोई मेहमान आता है तो यह लोग उनकी हथेली पर थूक कर स्वागत करते हैं.इस तरह की परंपरा में नई नवेली दुल्हन के ब्रेस्ट और सिर पर थूकने के बाद ही वह ससुराल जाती है. इसके बाद दुल्हन पीछे मुड़कर नहीं देखनी चाहिए नहीं तो वह पत्थर में बदल जाती है.