बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने आज यानी 1 अक्टूबर से दिल्ली में BS-4 डीजल बसों की एंट्री बंद करने का फैसला किया है। दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से आने वाली BS-4 डीजल बसें दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएंगी।
इस साल अक्टूबर में दिल्ली की हवा 2020 के बाद सबसे खराब रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 210 दर्ज किया गया। पिछले साल अक्टूबर में यह 210 और अक्टूबर 2021 में 173 था।
बसों की एंट्री बद
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 1 नवबर दिल्ली में बीएस-4 डीज़ल बसों की एंट्री बंद करने का फ़ैसला किया है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि ग्रैप-2 के प्रावधान लागू होने के बाद 1 नवंबर से दिल्ली में अन्य राज्यों की डीज़ल बसें एंट्री नहीं कर पाएंगी।
दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ये प्रयास किए गए हैं।
ऑटो व बसों में डीज़ल के स्थान पर संपीडित प्राक्रतिक गैस (सीएनजी) का प्रयोग किया जा रहा है।
दिल्ली में पुराने वाहनों के उपयोग पर रोक लगाई गई है।
मौसम विज्ञान के मुताबिक, वाहन और पराली जलाना खराब हवा का सबसे बड़ा कारण है।
दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ये प्रयास किए गए हैं।
सीएनजी वाहनों की शुरुआत ,कैटेलिटिक कन्वर्टर्स का इस्तेमाल ,कम सल्फर सामग्री वाले सीसा रहित पेट्रोल का इस्तेमाल
पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना ,पेट्रोल और डीज़ल वाहनों के इस्तेमाल के लिए “सम-विषम” योजना
दिल्ली सरकार ने ये प्रयास किए हैं।
सड़कों पर पानी का छिड़काव करना।
258 मोबाइल एंटी स्मोकिंग लगाना।
PUC सर्टिफ़िकेट की जांच करना।
10 साल पुराने डीज़ल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन पर प्रतिबंधों का सख्ती से पालन कराने के लिए 385 टीमों का गठन करना।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इस तरह है।
दिल्ली में PM2.5 का स्तर 13.2 गुना ज़्यादा है।
दिल्ली में PM10 का स्तर 302 है।
दिल्ली में NO2 का स्तर 302 है।
दिल्ली में ओज़ोन का स्तर 12 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
दिल्ली में सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर 74 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद सबसे खराब है. अक्टूबर 2023 में, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 210 दर्ज किया गया. पिछले साल अक्टूबर में यह 210 और अक्टूबर 2021 में एक्यूआई 173 था।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर ज़्यादा होने की वजह बारिश की कमी को बताया गया है।