बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई दशक तक अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल में जगह बनाने वाले वाले दिलीप कुमार ने इस साल 7 जुलाई को इस दुनिया से अलविदा कह दिया। हालांकि, उनके फैंस उन्हें हमेशा अपने दिलों में जिंदा रखेंगे। आज हम अपको बताने जा रहें है, उनके पुशतेनी घर से जुड़े कुछ अनसुने किस्से।
दिलीप कुमार का जन्म पेशावर (पाकिस्तान) में लाला गुलाम सरवर खान के यहां हुआ था। दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान था, पाकिस्तान के पेशावर शहर में जन्में ‘ट्रेजिडी किंग’ का 98 साल की अवस्था में मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे दिलीप कुमार के निधन से भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में लोग गम में डूब गए थे।
पेशावर शहर के किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में जन्मे युसूफ खान ने मुंबई में आकर पॉपुलैरिटी और शोहरत हासिल की। हालांकि दिलीप कुमार को अपने शहर और अपने पुश्तैनी घर की हमेशा याद आती रहती थी। एक बार दिलीप कुमार ने कहा था कि मेरा पेशावर में बीता बचपन मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा साल रहा।
एक बार दिलीप कुमार ने अपने पेशावर शहर को याद करते हुए कहा था, ‘पेशावर में मैं उस समय अपने आसपास की चीजों को देखकर हमेशा उत्सुकता से भरा रहता था। मैं अपनी मां का हर तरफ पीछा करता था और जब मेरी मां और उनकी आंटी आपस में बातें करती थीं तो मैं उनको सुनता था। मैंने अपनी मां से ही सबसे पहले कहानी सुनाने का पाठ पढ़ा था। इसने मुझे आगे चलकर फिल्मों में स्क्रिप्ट चुनने में मदद की।’
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने एक्टर दिलीप कुमार के पेशावर स्थित पैतृक घर को अब खरीदने की मंजूरी प्रदान कर दी है, जिन्हें संग्रहालय में तब्दील किया जाएगा। पेशावर के जिला आयुक्त कैप्टन (सेवानिवृत्त) खालिद महमूद ने अभिनेता के घर को पुरातत्व विभाग को सौंपने के आदेश दिया है।
जिला आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘दिलीप कुमार का घर निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के नाम रहेगा।’ प्रांतीय सरकार ने दिलीप कुमार के आवास की कीमत 80 लाख रुपये तय की है। हालांकि दिलीप कुमार के पैतृक घर के मालिक गुल रहमान ने उनकी संपत्ति के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये की मांग की थी।
अभिनेता दिलीप कुमार का यह पुश्तैनी घर करीब 100 साल पुराना है। यह घर जर्जर हालत में है और 2014 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। इस ऐतिहासिक इमारत के मालिक ने कई बार इसे तोड़कर कमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की लेकिन उनके सभी प्रयासों को रोक दिया गया।
बताया जाता है इसी घर के बगल में राज कपूर की भी पुश्तैनी हवेली है। दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक निवास जर्जर हालत में है। इन्हें ध्वस्त किए जाने का डर था इसलिए पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार ने राज कपूर के साथ दिलीप कुमार के पैतृक घर को भी खरीदने का फैसला लिया है।