क्या आप जानते हैं ट्रेन के पिछले डिब्बे पर बने X का मतलब, अगर नहीं तो जान लीजिये

Durga Pratap
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अगर आप भी कहीं दूर की यात्रा कर रहे हो या फिर आपको रोज ऑफिस आना जाना होता है तो ज्यादातर लोग ट्रेन का ही इस्तेमाल करते हैं. या फिर यूं कहे घूमने के लिए भी लंबी वेकेशन पर लोग ट्रेन में सफर करते हैं. ट्रेन एक ऐसा यातायात है जिसके सवारी करना सभी लोगों को पसंद होता है और इसकी सवारी काफी सुरक्षित भी होती है. ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ता. इसीलिए आपने देखा होगा कि ट्रेन की टिकट के लिए प्लेटफार्म पर लंबी-लंबी लाइनें लगी होती हैं.

लेकिन इस दुनिया में काफी सारे लोग ऐसे हैं जो रोज ट्रेन में सफर करते हैं फिर भी उन्हें इससे संबंधित काफी समय चीजों का पता होता है.अगर आप भी कहीं आने जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं तो हम आपको एक बहुत ही रहस्य वाली चीज बताने जा रहे हैं जिसकी जानकारी शायद आपको नहीं होगी. ट्रेन पर ऐसी चीज होती है जिसे आप शायद देखते हमेशा होंगे, लेकिन इसके बारे में आपको ज्यादा जानकारी होगी.

लेकिन आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है हम आपको इसके बारे में आज एक जानकारी देने जा रहे हैं. आप लोगों ने यह तो देखा ही होगा कि ट्रेन के सबसे पिछले डिब्बे पर X लिखा हुआ होता है. लेकिन इसका क्या मतलब होता है यह आपको जानकारी आज तक नहीं होगी. अगर आपको इसके बारे में पता नहीं है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए क्योंकि आज हम इसके बारे में आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं.

ट्रेन

डिब्बे पर लिखें X का मतलब

आपकी जानकारी के लिए हम बता रहे हैं कि ट्रेन के पीछे के डब्बे पर जो X लिखा होता है, उसका आखिरकार क्या मतलब है और ये क्यों लिखा जाता है. लेकिन आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब होता है कि यह ट्रेन का सबसे आखिरी कोच है. सभी ट्रेनों पर आखिरी डिब्बे पर सुरक्षा के लिए ये अक्षर सफेद और पीले रंग से लिखे जाते है. ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर लिखे इस X को देखकर स्टेशन मास्टर को यह समझ में आ जाता है कि यह ट्रेन का आखरी डिब्बा है जो गुजर चुका है और यात्री भी सचेत हो जाते हैं कि ट्रेन प्लेटफार्म से निकल चुकी है.

निशान से हो जाते है सावधान

अगर किसी स्टेशन मास्टर को यह डिब्बे पर ये निशान नहीं दिखाई देता है तो वह समझ जाता है कि ट्रेन का आखिरी डिब्बा या फिर कुछ डिब्बे पीछे छूट गए हैं. इसके बाद तुरंत ही स्टेशन मास्टर वायरलेस से मैसेज कर हो गए डिब्बों की तलाश शुरू कर देते हैं. इसके साथ ही जो ट्रेन आगे निकल चुकी हैं उसे भी रुकवा दिया जाता है.

इस निशान के अलावा ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर एक ब्लिंक करती हुई लाल लाइट भी लगी हुई होती है. रात के अंधेरे में या फिर कोहरे के समय पर इस टिमटिमाती हुई लाल लाइट को देख कर समझ जाते हैं कि आगे कोई ट्रेन चल रही है.

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