17 अक्टूबर, 2023 को ईपीएफओ ने “कर्मचारी पेंशन फंड निवेश और प्रबंधन” पर एक कार्यशाला आयोजित की। यह कार्यशाला क्रिसिल हाउस, मुंबई में 19-20 अक्टूबर, 2023 को आयोजित की गई थी।
वित्त वर्ष 2023 में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का निवेश कोष 17% बढ़कर 21.3 ट्रिलियन रुपये हो गया। इस कोष में से, 13.04 ट्रिलियन रुपये कर्मचारी भविष्य निधि में, 7.7 ट्रिलियन रुपये कर्मचारी पेंशन फ़ंड में और 41, 062 करोड़ रुपये कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा योजना में हैं।
EPFO ने पिछले पांच सालों में, कुल निवेश कोष का 8.7% यानी 1.88 लाख करोड़ रुपये एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड (ETF) में निवेश किया है। बाकी के 91.3% को ऋण साधनों में निवेश किया गया है।
ईपीएफओ को शेयर बाज़ार में अपने कुल कॉरपस का 17 फीसदी निवेश करने की इजाज़त है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज दर को 8.10% से 0.05% बढ़ाकर 8.15% कर दिया गया है। यह पैसा देश के साढ़े 6 करोड़ ईपीएफओ मेंबर्स के खाते में अगस्त 2023 तक पहुँचने लगेगा।
ईपीएफओ एक वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर निर्धारित करता है। हर महीने ईपीएफ अकाउंट में मौजूदा बैलेंस पर ये ब्याज लगाया जाता है, लेकिन अकाउंट में ब्याज वर्ष के अंत में ट्रान्सफर होता है।
ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकालने के लिए, सदस्य को ऑनलाइन पैसे निकालने के लिए सबसे पहले अपना UAN एक्टिव करना होगा और फिर पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा।
ईपीएफओ ने नियोक्ताओं के लिए कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की डिटेल जमा करने की समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2023 कर दी है।
सॉफ्टवेयर की समस्या से जूछ रहा ईपीएफओ
बता दें कि पिछले कुछ सालों में ईपीएफओ महत्त्वपूर्ण सॉफ्टवेयर बुनियादी ढांचे की समस्याओं से जूझ रहा है, पिछले दो से तीन साल में स्थिति काफी खराब हो गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत 27.7 करोड़ से अधिक खातें हैं और करीब 20 लाख करोड़ रुपये का फंड जमा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है।
कौन से हायर पेंशन के लिए पात्र
प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए सरकार ने वर्ष 1995 में एक कानून लेकर आई थी जिसका मकसद निजि क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन देना था। चूंकी ये कानून वर्ष 1995 में बना इसलिए इसका नाम EPS-95 पड़ा।
उस वक्त पेंशन फंड में योगदान के लिए अधिकतम वेतन 6, 500 रुपये था जिसे बाद में बढ़ाकर 15, 000 रुपये कर दिया गया। यानी इस रकम का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन फंड में जाता है।