दूसरी शादी को लेकर सुर्खियों में टीना डाबी, ट्रेंड में आईं IAS-IPS पर बनीं फिल्में

यूपीएसई बैच 2015 की टॉपर आईएएस टीना डाबी इस वक्त अपनी दूसरी शादी को लेकर सुर्खियों में हैं।आईएएस टॉपर टीना डाबी अपने पहले पति अतहर खान से तलाक लेने के सात महीने बाद आईएएस प्रदीप गवांडे से शादी करने जा रही हैं। टीना डाबी और प्रदीप की शादी 20 अप्रैल को होगी और 22 अप्रैल को जयपुर में ग्रैंड रिसेप्शन होगा। इस बीच बॉलीवुड की उन फिल्मों की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है, जो IAS और IPS अधिकारियों पर बनी हैं। तो चलिए जानते हैं कि बॉलीवुड में कौन-कौन सी फिल्में इस विषय पर बन चुकी हैं।
शादी में जरूर आना
ठुकरा के मेरा प्यार, मेरा इंतकाम देखेगी… गाने से तमाम दिल टूटे आशिकों को प्राेत्साहित करने वाली फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ एक रोमांटिक ड्रामा है। इसमें राजकुमार राव और कृति खरबंदा ने अहम भूमिकाएं निभाईं। राजकुमार राव की यह फिल्म आईएएस की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में सत्तू (राजकुमार राव) और आरती (कृति खरबंदा) की शादी तय हो जाती है, लेकिन आरती पढ़ाई करके ऑफिसर बनना चाहती है और वह शादी के दिन घर छोड़कर भाग जाती है। IAS की जिंदगी, PCS से मोहब्बत और रिलेशनशिप की कहानी लोगों को बहुत पसंद आई थी।
शंघाई
यह फिल्म एक विकास परियोजना के ईर्द-गिर्द हीं घूमती है जिसमे भ्रष्ट राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों तथा स्थानीय गिरोहों की मिली-भगत को दर्शाया गया है। फिल्म में IAS अधिकारी (अभय देओल) का किरदार है जो भ्रष्ट नेताओं, सरकारी अधिकारियों तथा स्थानीय गिरोहों के गठजोड़ के खिलाफ मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज़ को बुलंद करता है तथा दबाव बनाने में कामयाब होता है।
सरफरोश
आमिर खान, सोनाली बेंद्रे और नसीरुद्दीन शाह स्टारर ये फिल्म एक युवा IPS अधिकारी की कहानी है। जो क्रॉस-बॉर्डर हथियार तस्करी नेटवर्क को नष्ट कर देता है। यह फिल्म एक IPS अधिकारी के तीन महत्वपूर्ण गुणों को सिखाने में कामयाब है…अधीनस्थ अफसरों के साथ बेहतर समन्वय, उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग तथा राजनैतिक दबावों को नियंत्रित करने की शैली।
गंगाजल
यह फिल्म बिहार के एक काल्पनिक जिले (तेजपूर) में तैनात एक ईमानदार IPS अधिकारी की कहानी है। इस फिल्म में एक ईमानदार IPS अधिकारी पूरे जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के क्रम में असमाजिक तत्वों के साथ-साथ अपनेविभाग के भ्रष्ट अधिकारियों से भी लड़ता है।
यह फिल्म युवा-पीढ़ी तथा वर्तमान के सिविल सेवा अधिकारियों के लिए एक सीख है कि किस तरह अपने दायित्व एवं कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज में स्थापित राजनीतिक आपराधिक गठजोड़ को समाप्त किया जा सकता है। समाज के शासक वर्ग में बढ़ती सत्ता की भूख तथा महत्वाकांक्षा किस तरह आम आदमी के जीवन को श्रस्त कर देती है तथा एक ईमान्दार पुलिस अफसर लालच तथा सुख-सुविधाओं को नज़रअंदाज करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करता है। IAS उम्मीदवारों को यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए।
तेजस्विनी
यह फिल्म भारत की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी पर आधारित है। यह फिल्म एक ईमानदार IPS अधिकारी के परीक्षण और पीड़ा को दर्शाती है जो दिल्ली में राजनीतिज्ञ-प्रशासक-आपराधिक गठजोड़ को तोड़ने की कोशिश करती है।
सेहर
यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो कि 90 के दशक में उत्तर प्रदेश मे बढ़ते संगठित अपराधों से निपटने के लिए राज्य पुलिस के मुहीम को दर्शाती है। यह फिल्म में एक IPS अधिकारी की भूमिका को दर्शाया गया है जो उत्तर प्रदेश में राजनीतिज्ञ-माफिया-पुलिस-बिल्डर गठजोड़ को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध पुलिस अधिकारियों के समूह से एक विशेष कार्यबल (एसटीएफ) का गठन करने में कामयाब होता है।
वॉन्टेड
यह फिल्म एक अंडर-कवर IPS अधिकारी की कहानी है जो स्थानीय गिरोहों को आपस मे लड़ाता है और फिर एक अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर को मारने में सफल हो जाता है। यह फिल्म अंडर-कवर पुलिसकर्मियों की कुशलता और साहस के महत्व को बखूबी दर्शाती है।
रंग दे बसंती
यह फिल्म छह युवा भारतीयों की कहानी है, जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, शिवराम राजगुरु, अशफाकुल्ला खान और राम प्रसाद बिस्मिल पर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार करने में ब्रिटिश मूल की एक महिला की सहायता करते हैं। हमारे देश के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों की कार्यों से प्रेरित होकर, वे भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ते हैं।