बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा शनिवार यानी 2 अप्रैल को अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है। वो कोरियोग्राफर होने के साथ-साथ एक्टर और डायरेक्टर भी हैं। आज हर युवा उनके जैसा कोरियोग्राफर बनने की चाहत रखता है। रेमो डिसूजा कई यंग कोरियोग्राफर के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी हैं। हालांकि, उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। आज उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको बताएंगे कि भूखे पेट सोने वाले रेमो डिसूजा कैसे इतने बड़े स्टार बन गए-
रेमो डिसूजा एक ऐसे कोरियोग्राफर हैं जिन्होंने कई बड़े सितारों को नाचना सिखाया है। हालांकि इसके लिए उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत की है। बहुत कम लोगों को ये जानकारी होगी कि करियर के शुरुआती दौर में रेमो डिसूजा के पास पैसे की काफी कमी थी। उन्हें कई बार तो बिना खाए पिए ही सोना पड़ता था। लेकिन वो कहते हैं ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। रेमो डिसूजा ने इसी बात को साबित किया है। आमिर खान की फिल्म ‘रंगीला’ में उन्हें डांस करने का मौका मिला और इस फिल्म ने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल डाली।
रेमो डिसूजा ने माइकल जैक्सन के वीडियोज देखकर डांस करना सीखा था। वो माइकल जैक्सन को अपने गुरु के रूप में मानते हैं। रेमो की जिंदगी का दूसरा टर्निंग प्वाइंट सोनू निगम का एल्बम ‘दीवाना’ था। उन्होंने 90 के दशक में इस एल्बम को कोरियोग्राफ किया जो कि उस वक्त का सबसे सुपरहिट एल्बम था। रेमो डिसूजा को फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के शानदार गाने ‘दीवानी मस्तानी’ को कोरियोग्राफ करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार भी मिल चुका है।
बताते चलें कि रेमो ने कोरियोग्राफी के साथ-साथ कई फिल्में भी डायरेक्ट की हैं। उनकी पहली फिल्म बतौर डायरेक्टर ‘एनी बॉडी कैन डांस’ थी। इसके बाद उन्होंने ‘फालतू’,‘एबीसीडी 2’, ‘अ फ्लाइंग जट्ट’,‘स्ट्रीट डांसर 3डी’और ‘रेस 3’ जैसी फिल्में डायरेक्ट कीं। रेमो डिसूजा के करियर की सबसे हिट फिल्म एबीसीडी-2 है। इस फिल्म में वरुण धवन ने लीड रोल निभाया था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की थी।