गंगूबाई की स्क्रिप्ट नरेशन सुनकर ऑफिस से भाग गई थी आलिया, फिर कुछ हुआ ऐसा कि

Deepak Pandey
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फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली ने बताया कि आलिया भट्ट ने जब पहली बार गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी सुनी थी तो उनका क्या रिएक्शन था। एक इंटरव्यू में भंसाली ने कहा कि आलिया ने अपना बैग उठाया और उनके ऑफिस से भाग गईं। उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने भंसाली प्रोडक्शन की सीईओ प्रेरणा सिंह को बोल दिया था कि अब उन्हें किसी अन्य एक्टर की तलाश करनी होगी।

बता दें कि भंसाली द्वारा ही गंगूबाई काठियावाड़ी का प्रोडक्शन किया गया है। यह एक पीरियड फिल्म है जिसमें गंगूबाई की कहानी को दर्शाया गया है। वह 1960 के दशक में मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की सबसे पावरफुल और सम्मानित मैडम में से एक थीं। अपने इंटरव्यू में डायरेक्टर ने कहा, पहली बार जब आलिया ने इसका नरेशन सुना था तो उन्होंने अपना बैग उठाया और वह मेरे ऑफिस से भाग गई थीं। वह सोच रही थीं कि मैंने उन्हें किस तरह का किरदार ऑफर किया है। और वह तुरंत भाग गईं। मैंने अपनी सीईओ प्रेरणा को कहा कि मुझे लगता है कि हमें किसी दूसरे एक्टर को ढूंढना होगा। लेकिन मैं चाहता था कि आलिया ही इस किरदार को निभाएं।Gangubai Kathiawadi Controversy, Alia Bhatt, Sanjay Leela Bhansali Summoned  By Mumbai Court, Advocate Spoke To ABP NEWS | Gangubai Kathiawadi विवाद:  भंसाली और आलिया को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश ...

फिल्ममेकर ने बताया कि अगले दिन सुबह में आलिया ने उन्हें कॉल किया और मिलने के लिए कहा। मैंने कहा कि अगर तुम्हें मना करना है तो उसके लिए पर्सनली मिलने की जरूरत नहीं है। इसे सुनकर आलिया हंसने लगी और कहा कि किसने बोला कि वह वही करेंगी जो उन्हें करने के लिए कहा गया है।Gangubai Kathiawadi | Official Trailer| Sanjay Leela Bhansali, Alia Bhatt,  Ajay Devgn |25th Feb 2022 - YouTube

आलिया अभिनीत, फिल्म एक जीवनी अपराध-नाटक है, जो प्रसिद्ध लेखक हुसैन जैदी की पुस्तक माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के अध्यायों में से एक से अनुकूलित है। फिल्म में अजय देवगन भी हैं और यह 25 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।Sanjay Leela Bhansali to demolish lavish sets of Gangubai Kathiawadi due to  lockdown? | Entertainment News – India TV

फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने कहा, यह एक महिला की कहानी है जो एक सेक्स वर्कर के रूप में फंस गई थी और उसने कैसे संघर्ष किया। कैसे उन्होंने महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी, कैसे उन्होंने वेश्यालय में लड़कियों को मुख्यधारा के समाज में स्वीकार किए जाने के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने पेशे के वैधीकरण की मांग की और यह सब ऐसे समय में हुआ जब नारीवाद और महिला सशक्तिकरण जैसे शब्दों की लोगों को जानकारी नहीं थी। लेकिन मुझे लगता है कि वह अपने समय से काफी आगे थी।

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