एवरग्रीन सुपरस्टार देव आनंद आज भले ही हमारे साथ न हों, लेकिन उनकी फिल्में आज भी उनकी यादों को ताजा कर देती हैं। अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 में पंजाब में हुआ था। लेकिन 1947 में भारत पाकिस्तान के बटवारे के बाद वह पाकिस्तान का हिस्सा बन गए । देव आनंद ने अपने करियर की शुरुआत साल 1946 से की थी। उनकी पहली फिल्म का नाम ‘हम एक हैं’ था। उन्होंने बाद में एक से बढ़कर एक 116 फिल्मों में काम किया। लड़कियां देव साहब कि इतनी दीवानी थी कि उनकी एक झलक पाने के लिए किसी भी हद तक चली जातीं थीं। फिल्मों के साथ साथ देव आनंद से जुड़े किस्से भी बेहद मशहूर हुए। साल 2011 में दिल का दौरा पड़ने से लंदन में उनकी मृत्यु हो गई। चलिए आज उनकी याद में जानते हैं उनके जुड़े रोचक किस्से।
काले कोट पर रोक
फिल्म ‘काला पानी’ के बाद देव आनंद पर काले रंग के कोट को पहनने पर रोक लगा दी गई। कहा जाता है कि इस फिल्म में काले कोट में वह बेहद हैंडसम लगे थे और उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां छत से कूद जाती थीं। जिसके बाद उनके काले कोट पहनने पर सख्त मनाही थी।
सुरैया को किया था प्रपोज
देव आनंद फिल्म ‘विद्या’ की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में सुरैया के साथ समय बिताते हुए देव को उनसे प्यार हो गया था। देव आनंद ने फिल्म के सेट पर किसी से तीन हजार रुपए लिए और उनके लिए अंगूठी खरीदी। जिसके बाद उन्होंने सुरैया को प्रपोज किया। लेकिन सुरैया की नानी को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। जिसके बाद सारी उम्र सुरैया कुंवारी रहीं।
अमिताभ के साथ नहीं किया काम
देव आनंद ने अमिताभ बच्चन के अलावा हर बड़े स्टार के साथ काम किया था। कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन जिस ‘जंजीर’ फिल्म से स्टार बने, उसके लिए पहले देव आनंद को चुना गया था।
बहन का रोल नहीं करना चाहती थी एक्ट्रेस
देव आनंद की दिवानगी इस कदर थी कि उनकी फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्ण’ में उनकी बहन का रोल करने के लिए कोई एक्ट्रेस तैयार नहीं थी। फिल्म के लिए जब लड़कियों के स्क्रीन टेस्ट दिए तो एक्टर को उनके अनुसार कोई चेहरा नहीं मिला। ऐसे में उनकी मुलाकात जीनत अमान से हुई। बात करते करते जीनत ने उन्हें हैंडबैग से सिगरेट निकालकर दी। उनकी इस अदा के देव साहब फैन हो गए और जीनत को अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया।
खुद को मरा हुआ नहीं देखना चाहते थे
देव आनंद खुद को कभी भी स्क्रीन पर मरा हुआ नहीं दिखना चाहते थे, साथ ही वह भारत से बाहर अपनी आखरी सांस लेना चाहते थे और ऐसा हुआ भी। देव आनंद का लंदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था।