दुनिया के मैं बहुत ही ऐसी रोचक चीज हैं जो लोगों के लिए आज भी रहस्य बनी हुई है।कई लोग इन चीजों को रहस्य को रहस्य ही रहने देते हैं. वहीं कई ऐसे प्राणी भी होते हैं जो इसकी तह तक भी जाते हैं।
ताज महल को तो आपने देखा होगा इसका इतिहास भी लोग जानते हैं लेकिन ताजमहल के बारे में आज भी कई बातें ऐसी है जिसके बारे में लोग नहीं जानते। अपने ताज महल को तो बहुत बार देखा होगा लेकिन आपने कभी यह नहीं सोचा होगा कि ताजमहल किस चीज से बना हुआ है। ताजमहल बनाने के लिए सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया क्या वह इसलिए क्योंकि जहाँगीर ने ताजमहल साल 1631 से लेकर 1648 के बीच बनकर तैयार हुआ था। यह सवाल है कि उसे वक्त दुनिया में सीमेंट का आविष्कार नहीं हुआ था तो ऐसे जहां शाहजहां ने ताजमहल कैसे बनाया था।
लकड़ी पर टिका है ताज महल
ताजमहल की नींव एक खास लकड़ी पर रखी गई है। इस लकड़ी को भारी मात्र पानी की जरूरत पड़ती है जो जमुना नदी से मिलती है। इस खास किस्म की लकड़ी को पानी से मजबूती प्राप्त होती है। ताजमहल में 400 सालों से कोई भी लाइट नहीं लगाया कहा जाता है कि ताज महल 400 साल से अंधेरे में है। कुछ समय पहले वहां की सरकार ने गार्डन में लाइट लगवाई थी। तो वह है लेट्रिन ही ब्रेक हो जाने टूट गई उसके बाद भी बहुत बार लाइट लगाने का प्रयास किया गया मगर वह लाइट टूट जाती थी। वह इलेक्ट्रिक लाइट लगाना संभव नहीं हुआ।
ताज महल में है तीन रंग
ताजमहल को देखकर कई लोगों का मानना है। कि यह उसका फ्रंट है लेकिन ताजमहल का फ्रंट जमुना नदी की और है ताजमहल जिन पत्थरों से बना है वह कोई साधारण पत्थर नहीं है बल्कि वह बहुत खास पत्थर है। ताजमहल सुबह में गुलाबी रंग का , दोपहर में सफेद रंग का और रात को सुनहरी रंग का नजर आता है।
कैसे बना ताजमहल बिना सीमेंट के
जब सीमेंट ही नहीं बना था तब इमारत को बनाने के लिए एक खास पेट का इस्तेमाल किया जाता था। ताजमहल बनाने के लिए इसी पेट का को इस्तेमाल किया गया है। पाथरो को वापस में चिपकाने के लिए गुड का इस्तेमाल किया गया। गुड़, बताशे, बेलगिरी का पानी, उड़द की दाल, दही, जूट और कंकर को मिक्स किया गया. इसके बाद उसे चूने के पानी में मिलाया जाता था इस तरह से एक सेमी सॉलि़ड पदार्थ तैयार करके ताजमहल जैसी इमारत को तैयार किया जाता था। सोचने वाली बात है की देसी जुगाड़ से ऐसी बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तैयार की जाती है और आज तक वह इसी मजबूती से टिकी है।
सीमेंट का निर्माण
सीमेंट का इस्तेमाल सबसे पहले इंग्लैंड के Joseph Aspdin नाम के वैज्ञानिक ने 1824 ई. में किया था। सीमेंट का आविष्कार पोर्टलैण्ड में होने के कारण इसका नाम पोर्टलैण्ड सीमेंट रखा गया था। भारत में सीमेंट का पहला कारखाना वर्ष 1904 में गुजरात के पोरबंदर में स्थापित किया गया। लेकिन सीमेंट का उत्पादन वर्ष 1904 में चेन्नई में स्थापित कारखाने में शुरू हुआ था। ये सफल नहीं हो पाया। चेन्नई में स्थापित सीमेंट का पहला कारखाना सीपियों पर आधारित था। साल 1912-13 में पोरबंदर गुजरात में पहले सफल कारखाने की स्थापना की गई।