HPV virus causes cancer: लोगों में 6 तरह के कैंसर होने का कारण बनता है एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस। इसके बारे में जागरूकता फैलाना बहुत ज़रूरी है। वर्ना यह कई लोगों के मौत का कारण बन सकता है।
HPV virus causes cancer: कैंसर आज भी एक लाइलाज बीमारी है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं और इसके होने के कई वजह भी है। उनमें एक वजह HPV (ह्यूमन पेपीलोना वायरस) भी है। वैसे तो यह एक आम वायरस है, लेकिन यह बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है। और इसे एक खतरनाक वायरस भी माना जाता है। इसकी वजह से काफ़ी लोगों की मौते भी होती हैं। यह एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन भी माना जाता है जिससे बचाव के लिए वैक्सीन भी दी जाती है। इस वायरस के फैलने का मुख्य कारण सेक्सुअल पेनेट्रेशन है। इसके अलावा भी यह कई कारणों से फैलता है। ह्यूमन पेपीलोना वायरस (HPV) को लेकर विश्वभर में कई अध्ययन और रिसर्च किए गए हैं। सारे रिसर्च में यह कहा गया है कि इस वायरस से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के होने का खतरा सबसे ज़्यादा रहता है।
इसके बावजूद आज भी लोगों में कैंसर के प्रति जागरुकता की कमी है। शुरुआत में कैंसर (Who is at risk of HPV) के हल्के लक्षण होने पर लोग इसे बहुत हल्के में लेते हैं और सामान्य बीमारी समझकर दवा खा लेते हैं। और यही कुछ दिनों के बाद एक घातक बीमारी का रूप ले लेता है। यही कारण है कि कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा कैंसर से ही मरीजों की मौत होती हैं।
HPV वायरस के कारण कैसे होता है कैंसर (HPV virus causes cancer)
जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि HPV वायरस एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, जो तेज़ी से शरीर में वायरस को फैलाता है। लेकिन शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी इसे ख़त्म कर देती है। डॉक्टर्स के अनुसार एचपीवी वायरस (HPV virus causes cancer) स्त्री और पुरुष दोनों को ही प्रभावित कर सकता है। लेकिन इससे ज़्यादातर महिलाएं ही प्रभावित होती हैं। इसके संक्रमण से योनि मुंह और गले में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसकी वजह से कौन-कौन से कैंसर होते हैं?
1:– गर्भाशय कैंसर (Cervical cancer)
गर्भाशय का निचला हिस्सा जिसे गर्भाशय ग्रीवा कहते हैं, अगर उसमें कैंसर होता है तो उसे गर्भाशय कैंसर (Cervix cancer/Cervical cancer) कहते हैं। एचपीवी वायरस के कारण ही महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा बना रहता है। अगर आपको शुरू में ही गर्भाशय कैंसर के बारे में पता चल गया तो इलाज द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है। और अगर आपको लास्ट स्टेज में गर्भाशय कैंसर के बारे में पता चलता है तो इसका इलाज करना मुश्किल होता है।
गर्भाशय कैंसर भी दो प्रकार के होते हैं। इसके प्रकार में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और गर्भाशय ग्रीवा के एडिनोकार्सिनोमा शामिल है।
2:– योनि कैंसर (Vaginal cancer): महिलाओं के योनि या वजाइना में जो कैंसर होते हैं उन्हें वजाइनल कैंसर या योनि कैंसर के नाम से जाना जाता है। इस कैंसर के होने का भी एक मुख्य कारण एचपीवी वायरस ही है। जो अक्सर महिलाओं को होता है। आमतौर पर योनि या वजाइनल कैंसर बहुत कम महिलाओं में देखने को मिलता है। लेकिन यह बहुत ही खतरनाक होता है। महिलाओं में वजाइनल कैंसर मस्क्यूलर ट्यूब (Muscular tube) में होता है जो उनके युटेरस यानी गर्भाशय को अन्य बाहरी अंगों से जोड़ती है।
3:– गुदा कैंसर (Anal cancer)
गुदा कैंसर (What causes a HPV infection) को कोलोरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है जो पाचन तंत्र की नली के आखिर में होता है। इस नली के द्वारा ही शरीर से मल बाहर आता है। इस नली में होने वाले कैंसर को गुदा कैंसर कहते हैं। यह कैंसर भी एचपीवी वायरस के कारण हो सकता है जिसका इंफेक्शन शारीरिक संबंध बनाने के समय होता है। यह कैंसर महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है। इस कैंसर की वजह से गुदा के भीतर मौजूद कोशिकाओं में कुछ बदलाव और असामान्य बदलाव होने लगते हैं। और कुछ ही समय बाद इसका संक्रमण तेजी से फैलने लगता है।
4:– लिंग कैंसर (Penile cancer)
यह कैंसर पुरुषों में ही होता है। इस कैंसर की वजह से पुरुषों के लिंग की कोशिकाओं में कैंसर की कोशिकाएं और आसामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं। लिंग कैंसर के होने का एक मुख्य कारण एचपीवी संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाना या उनके संपर्क में आना है। यह कैंसर स्क्रीन की कोशिकाओं से शुरू होकर धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है।
5:– मुंह का कैंसर (Oral cancer)
भारत के लोगों में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर यानी ओरल कैंसर होता है। इस कैंसर के होने का मुख्य वजह एचपीवी वायरस के अलावा, यहां के लोगों का तंबाकू, गुटखा इत्यादि का सेवन करना है। गलत तरीके से शारीरिक संबंध बनाने के साथ-साथ एच पी वी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से भी लोगों को ओरल कैंसर होता है। मुंह का कैंसर ज्यादातर होठ, मसूड़े, जीभ, मुंह के ऊपर, गालों के अंदर, या जीभ के नीचे और मुंह के मुलायम वाले तल में होता है
6:– गले का कैंसर (Throat cancer)
गले के कैंसर आमतौर पर मुख्य तार से शुरू होकर बाद में स्वर यंत्र से गले के पिछले हिस्से तक फैलते हैं। इन हिस्सों में जीभ और टॉन्सिल के हिस्से शामिल होते हैं। यह कैंसर स्वर यंत्र के नीचे से सबग्लोटिस और सांस की नली में भी फैलते हैं। गले का कैंसर भी एचपीवी वायरस के कारण हो सकता है। जो लोग एचपीवी वायरस से संक्रमित होते हैं उनमें गले के कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
इस तरह एचपीवी वायरस कोई कैंसर के होने का मुख्य वजह है। लेकिन यह भी जरूरी नहीं की एचपीवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति कैंसर से भी पीड़ित हो। अगर आप एचपीवी वायरस से संक्रमित होने पर तुरंत इलाज करवा लेते हैं तो आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। वरना यह गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है।