इस मंदिर में भक्तों को लड्डू पेड़ा नहीं प्रसाद के तौर पर मिलते हैं सोना-चांदी

Deepak Pandey
3 Min Read

हमारे देश में लाखों मंदिर हैं. आपको हर गांव और शहर में कोई न कोई मंदिर मिल ही जाएगा. इनमें से तमाम मंदिर ऐसे ही जो प्राचीन काल के रहस्यों को संजोए हुए हैं. मंदिर की अपनी अलग पहचान और अलग महत्व है. इन्हीं में से एक मंदिर महालक्ष्मी मंदिर जो मध्य प्रदेश के रतलाम के माणक में स्थित है. यह एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां प्रसाद में भक्तों को कोई मिठाई या खाने की चीज नहीं, बल्कि इस अनोखे मंदिर में प्रसाद के रूप में गहने दिए जाते हैं.

यहां जो भी भक्त आता है, वह अपने घर सोने-चांदी के सिक्के लेकर ही जाता है. रतलाम का यह मंदिर मां महालक्ष्मी का है, जिसमें सालों से भक्तों की भीड़ लगती है. इस मंदर में भक्त करोड़ों रुपए के गहने चढ़ाते हैं. इसके साथ ही नकदी भी चढाया जाता है. दीवाली के मौके पर धनतेरस से लेकर पांच दिन तक दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है. दीपाली के इस अवसर पर मंदिर को फूलों से नहीं बल्कि गहनों और रुपयों से सजाया जाता है.

दीवाली के अवसर पर इस मंदिर में धन कुबेर का दरबार लगाते हैं. इस दौरान भक्तों को प्रसाद के रूप में गहने और रुपए दिए जाते हैं. दीपावली के अवसर पर 24 घंटे इस मंदिर के कपाट खुले रहते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि धनतेरस के मौके पर यहां महिलाओं को कुबेर की पोटली दी जाती है. यहां जो भी भक्त आता है उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाया जाता. प्रसाद के रूप में उनके हाथों में कुछ ना कुछ जरूर दिया जाता है.

बता दें कि इस मंदिर में गहनों और रुपयों को चढ़ाने की परंपरा दशकों से चली आ रही है. पहले यहां के राजा राज्य की समृद्धि के लिए मंदिर में धन आदि चढ़ाते थे और अब भक्त भी यहां जेवर, पैसे वगैरह माता के चरणों में चढ़ाने लगे हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से उनके घरों में मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *