भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करना पसंद करते हैं। रेलवे में बहुत से संकेतों और प्रतीकों के उपयोग किया जाता है। मगर क्या आपको उसके पीछे का अर्थ पता है। ऐसे संकेत अपने पीछे बहुत जरूरी जानकारी समेटे होते हैं।आपने ऐसे बहुत से रेलवे स्टेशन देखे होंगे। जिनके पीछे रोड शब्द जुड़ा हुआ होता है। जबकि उन स्टेशनों के बाद कोई रोड नही होता। क्या है इसके पीछे का अर्थ चलिए भारतीए रेलवे की इस गुत्थी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्टेशन के नाम के पीछे रोड लिखने का किया है मतलब :
जंक्शन न टर्मिनल की ही तरह रोड शब्द बजी स्टेशन के बारे में एक खास जानकारी देता है. अपने कई स्टेशन के नाम के पीछे इस शब्द को देखा होगा। यह सब शब्द लोगो को बताता है की स्टेशन शहर के अंदर स्थित नहीं है। शहर तक जाने के लिए मार्ग का सहारा लेना होगा। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जिस रेलवे स्टेशनों के पीछे रोड शब्द जुड़ा होता है। वह शहर से कई किलोमीटर कि दूरी पर बने होते हैं। भारतीए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट में बताया की रेलवे स्टेशनों के साथ रोड शब्द जुड़ने का साफ़ मतलब है कि शहर तक जाने के लिए रेलवे स्टेशन से एक रोड जाती है।
शहर से दूरी बताने के लिए लिखा जाता है ‘रोड’ शब्द
रेलवे अफसरों ने बताया कि जिस स्टेशन के साथ रोड शब्द जुड़ा होता है। वह शहर से 3 जेड 100 किलोमीटर की दूरी पर होते हैं। उदहारण से बताएं तो कोडाईकनाल शहर से कोडाईकनाल रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 81 किलोमीटर दूर है। मलतब कोडाईकनाल रेलवे स्टेशन से कोडाईकनाल शहर तक जाने के लिए 2 घंटे से ज़्यादा का समय लग जाता है। जबकि लखनऊ रेलवे स्टेशन से लखनऊ शहर केवल 3 किमी दूर है।
देश में ऐसी बहुत सी जगह है। जिसपे रेलवे लाइन बिछाने में बहुत मुश्किल हुई थी। इसलिए उन्होंने मुख्य शहर से दूर रेलवे लाइन का निर्माण किया। जैसे माउंट आबू पर रेलवे लाइन बिछाने में बहुत खर्चा हो रहा था और सुरक्षित भी नहीं था। इसलिए रेलवे ने माउंट आबू के पहाड़ से लगभग 27 किमी दूर रेलवे स्टेशन बनाया। यही कारण है कि रेलवे स्टेशनों के साथ रोड शब्द जुड़ा हुआ होता है।