पुरे विश्व में यातायात के तीन मार्ग बनाए गए है, एक जल मार्ग, दूसरा वायु मार्ग, तीसरा थल मार्ग विश्व की हर जगह अपने आप में ही बहुत खास है। कोई अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। तो कोई अपने खान पान और रीति-रिवाज के लिए। दुनिया में घूमने के लिए एक यातायात मार्ग और यातायात साधन की जरुरत होती है।जल मार्ग के लिए जलयान, वायु मार्ग के लिए हवाई जहाज और थल मार्ग के लिए रेल बहुत सुविधाजनक मानी जाती है लोग रेलों से 24 घंटो का सफर भी बहुत ही अच्छी तरह कर सकते है। क्योंकि रेल के अंदर बहुत सी सुविधाएं होती है, जिससे लोगो का सफर आसानी से कट जाता है।
कई रेलें तो इतनी स्पीड में चलती है कि 1000 किलोमीटर का सफर भी बहुत ही आसानी से हो जाता है। अभी तक तो ट्रेनें ट्रेन की पटरी पर दौड़ रही थी। परंतु आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिको के क्रिएटिव माइंड के कारण ट्रेन को पानी के अंदर से भी चलाने का मार्ग बना लिया है।आप सोच रहे होंगे की क्या बाकई ऐसा संभव है। तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल संभव है। ये भारत के लोग है, जनाव जब लोग चाँद पर जाने का मार्ग बना सकते है फिर तो ये पानी के अंदर जाने का मार्ग है, तो चलिए जानते है क्या है इस बात सच।
भारत के पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, जिसे कलकात्ता के नाम से भी जाना जाता है। भारत के विशाल और महत्वपूर्ण महानगरों में से एक है। भारत के पूर्व में स्थित इस नगरी को “सिटी ऑफ ज्वाय” भी कहा जाता है। बहुत से विशेष नाम जैसे मदर टेरेसा, रबींद्रनाथ टैगोर, सत्यजीत रे और सुभाष चंद्र बोस जैसे नाम कोलकाता शहर से जुड़े हैं।कोलकाता शहर 22.82 डिग्री उत्तर में 88.20 डिग्री पूर्व में स्थित है। यह शहर हुगली नदी के तट तक बसा हुआ है और इसकी ऊँचाई 30 फीट है। कोलकाता का कुल क्षेत्रफल 1886 वर्ग किलोमीटर है। सुन्दरवन डेल्टा, कोलकाता से बंगाल की खाड़ी को अलग करता है।