महंगाई: हाल ही में वित्त मंत्रालय ने कुछ नियमों में बदलाव किया है और नहीं घोषणा की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 3 महीने के बाद फिर से खुदरा महंगाई दर बढ़ चुकी है. इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बयान जारी किया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया है कि खुदरा महंगाई दर में वृद्धि प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाने की चीजों और इंधन में तेजी से आई है. इसी दौरान वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि महंगाई को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं जिनका प्रभाव अगले महीनों में देखने को मिलेगा.
महंगाई: जुलाई में भी बढ़ी थी महंगाई दर
खुदरा महंगाई दर अगस्त के महीने में बढ़कर 7% तक पहुंच चुकी है. इससे पहले जुलाई के महीने में यह 6.71% पर थी. 3 महीने बाद फिर से इसमें बढ़ोतरी देखी गई है. वित्त मंत्रालय ने बताया है कि अगस्त के महीने में प्रमुख मुद्रास्फीति की दर 5.9% रही हैं. यह दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के संतोषजनक आधार 6% से कम है.
महंगाई: अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई दर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति में खाद्य पदार्थों और ऊर्जा के संसाधनों को शामिल नहीं किया जाता है. लेकिन वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि, “उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर मुद्रास्फीति दर जुलाई के महीने से थोड़ी बहुत बढ़कर 7% तक पहुंच चुकी है.” उन्होंने इसका कारण खाद्य पदार्थ और ईंधन के दामों में आई तेजी को बताया है.
वित्त मंत्रालय ने यह भी भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार ने आटा, चावल और मैदा के निर्यात पर रोक लगाई है, जिससे कि आने वाले समय में महंगाई पर काबू किया जा सकेगा. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सरकार ने घरेलू उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए और कीमतों की तेजी में रोक लगाने के लिए गेहूं आटा, चावल और मैदा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन प्रतिबंधों का आने वाले समय में प्रभाव देखने को मिलेगा.