सन 1986 और 1988 के बीच रामानंद सागर की रामायण का टीवी के दूरदर्शन चैनल पर प्रसारण किया गया था और इस रामायण में ऐसा इतिहास रचा है जिसे कई दशकों तक लोगों के लिए भुला पाना मुमकिन नहीं है| जाने-माने डायरेक्टर व प्रोड्यूसर रामानंद सागर को खास तौर पर उनके धार्मिक सीरियल रामायण के लिए ही जाना जाता है | रामायण के सभी किरदार दर्शकों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर हुए हैं | रामायण में काम करने वाले सभी कलाकारों ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से अपने किरदारों को इस कदर जीवंत कर दिया है की आज भी लोग इन कलाकारों को उनके असली नाम से नहीं बल्कि रामायण में उनके किरदार के नाम से ही जानते हैं|
आज हम बात करने वाले हैं रामानंद सागर की रामायण में त्रिजटा का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री विभूति परेश चंद्र दवे की जिनके बारे में कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें वायरल हुई थी की रामायण में त्रिजटा का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता आयुष खुराना की सास है हालांकि इस खबर की सच्चाई कुछ और ही है|
बता दें त्रिजटा का किरदार निभाने वाली अदाकारा विभूति परेश चंद्र दवे गुजरात के सूरत की रहने वाली थी और अब विभूति परेश चंद्र दवे इस दुनिया में नहीं है| बता दे 13 अगस्त 2006 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से विभूति परेश चंद्र दवे इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गई थी|मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विभूति के पति परेश ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनकी पत्नी विभूति अपने गरबा ग्रुप के साथ एक बार उमराव गांव गई थी और उसी जगह पर रामानंद सागर अपने रामायण सीरियल की शूटिंग कर रहे थे और उसी दौरान विभूति की मुलाकात रामानंद सागर से हुई थी |
विभूति का बोलने का अंदाज और सादगी रामानंद सागर को बेहद पसंद आ गयी थी और उन्होंने विभूति को रामायण में त्रिजटा का रोल ऑफर कर दिया था| आपको बता दें विभूति काफी ज्यादा पढ़ी लिखी थी और इन्होंने ज्योतिष विद्या में महारत हासिल की थी|खबरों के मुताबिक विभूति बेहद खूबसूरत थी और उनकी रंगत भी गोरी थी परंतु त्रिजटा के रोल में उन्हें फिट करने के लिए मेकअप के सहारे उन्हें काला रुक दिया जाता था| मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा जाता है कि विभूति की कोई भी संतान नहीं थी परंतु जब वो रामायण में काम कर रही थी उसी दौरान उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई थी और रामायण में काम करते वक्त ही विभूति ने अपनी बेटी को जन्म दिया था|
रामायण में विभूति त्रिजटा के किरदार में नजर आई थी जो कि एक राक्षसी थी और वही त्रिजटा ने माता सीता का उस वक्त काफी ज्यादा ध्यान रखा था जब रावण ने उनका हरण करके उन्हें अशोक वाटिका में लाया था| त्रिजटा ने अशोक वाटिका में माता सीता का दुख बांटा था और उन्हें दुख की घड़ी में सांत्वना भी दी थी