कॉफी के शौकीन तो दुनिया भर में हैं, जिन्हें तरह-तरह की कॉफी के बारे में ज्ञान होता है। आज हम आपको दुनिया की कुछ सबसे महंगी कॉफी में शुमार जाकू बर्ड कॉफी के बारे में बताएंगे। इसका नाम जितना दिलचस्प है, उतना ही अनोखा है इस कॉफी को बनाने का तरीका भी, इस कॉफी की कीमत जानकर आप भी चकित रह जाएंगे। इसकी कीमत में आप स्मार्टफोन खरीद सकते है।
72 हजार रुपए प्रति किलो
एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘जाकू बर्ड कॉफी’ दुनिया की सबसे दुर्लभ और महंगी कॉफियों में से एक है। ब्राजिल का कैमोसिम एस्टेट, ब्राजिल का सबसे छोटा कॉफी प्लांटेशन है मगर इस कॉफी प्लांटेशन की आमदनी काफी ज्यादा है। वो इसलिए, क्योंकि यहां ‘जाकू बर्ड कॉफी’ (Jacu Bird Coffee) पैदा होती है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह कॉफी एक हजार डॉलर प्रति किलो मिलती है। भारतीय मुद्रा के अनुसार, एक किलो के लिए आपको 72 हजार रुपये देने होंगे।
2000 दशक में हुई शुरूआत
खबरों के अनुसार, यहां इस कॉफी को बनाने की शुरुआत 2000 के दशक की गई। ऐसा कहा जाता है कि यह ‘हेनरीक स्लोपर डी अराउजो’ नाम के व्यक्ति का कॉफी प्लांटेशन था। वो शख्स यहां आने वाली जाकू चिड़िया के झुंड से काफी परेशान था, जो अच्छी-अच्छी कॉफी बींस को चुनकर खा लिया करती थीं। जाकू चिड़िया के झुंड ने उस शख्श के प्लांटेशन को खराब कर दिया, लेकिन हेनरीक उनका कुछ नहीं कर सकते थे।
दरअसल, जाकू चिड़िया ब्राज़ील में दुर्लभ प्रजातियों में शुमार है, जिन्हें कानून द्वारा संरक्षित किया जाता है। उस चिड़िया से छुटकारा पाने के कई तरीके अपनाने के बाद हेनरीक को इंडोनेशिया की अपनी ट्रिप याद आई, जिसमें उन्होंने एक और महंगी कॉफी की ‘वरायकी लुवाक’ के बारे में जाना था, जिसे सिवेट जानवर के मल से निकाल कर बनाया जाता था। उन्होंने सोचा कि अगर इंडोनेशिया में जानवर के मल से कॉफी बीन निकालकर, प्रोसेक कर के बनाई जा सकती है तो ब्राजिल में क्यों नहीं? इसके बाद उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया।
चिड़िया के मल से बीनकर निकाली कॉफी
हेनरीक ने एक इंटरव्यू में बताया कि ”कॉफी बीन चुनने वालों को मल से कॉफी बीन चुनने के लिए मनाना काफी मुश्किल काम था। इसके लिए मैंने कॉफी चुनने वालों को ज्यादा पैसे देकर जाकू चिड़िया के मल से कॉफी बीनने के लिए मनाया। आखिरकार, जाकू के मल से कॉफी की चेरी को अलग करके साफ करने के लिए वो राज़ी हो गए क्योकि पूरा काम हाथ से ही किया जाता था इसलिए ये प्रोसीज़र काफी मेहनत भरा था।’
चूंकि जाकू चिड़िया बेहद चुनी हुई कॉफी खाती है, ऐसे में पाचन के बाद जो चेरी मिलती है, उसकी क्वॉलिटी अच्छी होती है। मल से कॉफ़ी बीन हासिल करके उसे प्रोसेस किया जाता है और फिर कॉफी तैयार होती है। इस कॉफी का स्वाद हल्का नटी और मीठा होता है।