जब से रणवीर सिंह की ‘जयेशभाई जोरदार’ का ट्रेलर रिलीज हुआ है, तभी से फिल्म की खूब चर्चा हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म है।इसमें भ्रूण हत्या जैसे मुद्दे को बेबाकी से दर्शकों के बीच परोसा जाएगा।अब ट्रेलर के एक सीन को लेकर विवाद गहरा गया है, जिसमें एक अजन्मे बच्चे के लिंग परीक्षण की बात कही जाती है। इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, रणवीर की ‘जयेशभाई जोरदार’ के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को याचिका दायर की गई है।इस याचिका में उस सीन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है, जिसमें बच्चे के जन्म से पहले लिंग परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड तकनीक के इस्तेमाल को दिखाया गया है।इस जनहित याचिका (PIL) को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष पेश किया गया है।
याचिकाकर्ता पवन प्रकाश पाठक ने कही ये बात
याचिकाकर्ता के अनुसार, फिल्म का ट्रेलर अल्ट्रासाउंड तकनीक के उपयोग का विज्ञापन करता है। अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक ने यह जनहित याचिका दायर की है।उनका मानना है कि इससे अल्ट्रासाउंड तकनीक के दुरुपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मेकर्स से यह सीन हटाने की मांग की है।
साथ ही उन्होंने कहा, “PC और PNDT अधिनियम की धारा 3, 3 ए, 3 बी, 4, 6 और 22 के अनुसार इसकी अनुमति नहीं दी गई है।”ट्रेलर में रणवीर एक गुजराती शख्स जयेशभाई की भूमिका में नजर आए हैं, जो अपनी एक अजन्मी बच्ची के लिए लड़ते हुए दिखे। बोमन ईरानी उनके पिता बने हैं, जो गांव के सरपंच हैं।सभी मिलकर रणवीर की पत्नी (शालिनी पांडे) का लिंग परीक्षण करवाते हैं। जयेशभाई के माता-पिता ने तय कर रखा है कि अगर लड़की पैदा हुई, तो वे उसे जान से मार देंगे।इसके बाद जयेशभाई का अपनी अजन्मी बच्ची को बचाने का संघर्ष शुरू होता है।
13 मई को रिलीज होगी ‘जयेशभाई जोरदार’
इस फिल्म का निर्देशन दिव्यांग ठक्कर ने किया है। यह बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म है। फिल्म यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी है। इसमें रणवीर की जोड़ी अभिनेत्री शालिनी के साथ बनी है।रत्ना पाठक भी इसका हिस्सा हैं। ‘जयेशभाई जोरदार’ 13 मई को रिलीज होगी।फिल्म को लेकर रणवीर ने कहा था, “जयेश बड़ा नायक नहीं है, लेकिन कहानी के दौरान वह साहसिक काम करता है। यही वह चीज है, जिससे मैं इस फिल्म की तरफ आकर्षित हुआ।”