भारत के कई राज्यों में पानी की बहुत कमी है इसलिए बांध की सहायता से किसी भी नदी या नहर के पानी के बहाव को रोककर उसे इकट्ठा किया जाता है। बांध किसी नदी पर बना एक अवरोध होता है जो जल को बहने से रोकता है और एक झील का निर्माण करता है। बांध बाढ़ को नियंत्रित करने, सिंचाई, पानी से बिजली बनाने में, पेय जल की आपूर्ति के लिए सहायक होते हैं। इसी कारण भारत में बहुत सारे बांधों का निर्माण हुआ है। आपको बता दें कि भारत में 4000 से भी
अधिक बांध है।
देश का सबसे ऊंचा बांध टिहरी
भारत देश का सबसे ऊंचा टिहरी बांध है। यह उत्तराखंड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बांध गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी भागीरथी पर बनाया गया है। यह बांध दुनिया का पाँचवा सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध की ऊँचाई 260.5 मीटर है, यह विश्व का आठवाँ सबसे बड़ा बांध है जिसका उपयोग सिंचाई और बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है। इसकी लम्बाई 575 मीटर है और इसके जलाशय की क्षमता 21,00,000 एकड़ फुट है। साल 1972 में टिहरी बांध के निर्माण को मंजूरी मिली थी और 1977-78 में बांध का निर्माण कार्य शुरू हुया था।
2006 में जनता के लिए खुला बांध
देश की जनता के लिए 2006 में इसे खोल लिया गया। टिहरी बांध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है टिहरी जिला उच्च तीव्रता वाले भूकंप ज़ोन में आता है। इसलिए नुकसान को रोकने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बांध बनाया गया है। इसके लिए बाँध की दीवार को पूरी तरह पत्थर और मिट्टी भर कर बनाया गया है। इस बांध को बनाने के लिए पुराने टिहरी शहर को जलमग्न यानि टिहरी शहर पानी में डूब गया था। इसके साथ 125 गाँवों पर भी असर पड़ा था।
इस दौरान 37 गाँव पूर्ण रूप से डूब गए थे और 88 गाँव आंशिक रूप से प्रभावित हुये थे।
भारत के 3 सबसे ऊंचे और लंबे बांध
हम आपको भारत के सबसे ऊँचे और लंबे बांधो की टॉप 10 लिस्ट बताने जा रहे हैं। इस लिस्ट में भारत का सबसे ऊंचा बांध टिहरी बांध (Tehri Dam) है। आप नीचे टॉप 10 की लिस्ट देख सकते हैं।
1. टिहरी बांध (Tehri Dam)
भारत देश का सबसे ऊंचा टिहरी बांध है। यह उत्तराखंड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बांध गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी भागीरथी पर बनाया गया है। यह बांध दुनिया का पाँचवा सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध की ऊँचाई 260.5 मीटर है, यह विश्व का आठवाँ सबसे बड़ा बांध है जिसका उपयोग सिंचाई और बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है।
2. भाखड़ा बांध (Bhakra Dam)
यह हिमाचल प्रदेश बिलासपुर में सतलज नदी के पार कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण बांध है। 1963 में हाईड्रो पावर के 1,350 मेगावाट उत्पादन की क्षमता के साथ निर्माण किया गया था। भाखड़ा नंगल बांध राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की सरकारों का ज्वाइंट वेंटर है। इसका जलाशय गोबिंद सागर झील के रूप में जाना जाता है। इस बाँध को 245.28 करोड़ रुपयों में बनाया गया था।
3. हीराकुड बांध (Hirakud Dam)
इस बांध की लम्बाई 25.79 किमी और ऊँचाई 61 मीटर है। हीराकुड बांध ओडिशा राज्य में महानदी नदी के ऊपर स्थित है। इसके जलाशय की क्षमता 47,79,965 एकड़ फीट है और इससे 347.5 मेगावाट की बिजली उत्पादित होती है। साल 1957 में इसका निर्माण हुया था। इसे बनाने में कुल लागत 1.01 बिलियन रूपये थी।