जाने धनतेरस का शुभ मुहूर्त और क्या है पूजा की सामग्री ,और कब है छोटी दिवाली, गोवर्धन पूजा,भाई दूज और छठ पूजा?

Pinky
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दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। दीपावली त्यौहार की शुरुआत धनतेरस के त्योहार से शुरुआत होती हैं। लोग सोना चांदी और बहुत कुछ खरीदते और अपने दोस्तों रिश्तेदारों को भी तोहफे में चांदी और शुभ चीज़ें देते हैं। और एक दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।

महालक्ष्मी का नूर आप पर बरसे,
हर शिखर पर आपका नाम चमके,
संकट का नाश और शांति का वास हो..
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

धनतेरस के त्यौहार के दौरान लोग देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। इस को  दिन मनाने के एक भाग के रूप में लोग आमतौर पर सोने और चांदी के आभूषण खरीदने हैं। इसके अलावा लोग चांदी और पीतल के बर्तन भी खरीदते हैं। धनतेरस पूजा आमतौर पर शाम के समय उत्तर दिशा में एक मंच पर कुबेर भगवान धनवास्त्री और देवी लक्ष्मी की तस्वीर रखकर की जाती है।  लोग मूर्तियों के सामने देसी घी का दीपक जलते हैं।  और धूप, फूल होली और चंदन चढ़ाते हैं।

धनतेरस का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष त्रयोदशी तिथि का मन 10 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को दिन में 11: 47 बजे से आरंभ होगा। जो 11 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को दिन में 1: 13 तक रहेगा।

धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त कब है? 

शुभ चौघड़िया दोपहर 12: 00 से 1: 30 तक, शाम की चार चौघड़िया शाम को 4: 30 से 6: 00 तक, शाम की लाभ चौघड़िया रात 9: 00 बजे से 10: 30 तक, काल चौघड़िया सुबह 10: 30 से दोपहर 12: 00 तक।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस की पूजा का मुहूर्त शाम 5: 47 बजे शुरू होगा। और 10 नवंबर 2023 को शाम को 7: 43 बजे तक रहेगा। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री एक कलश, नारियल,पान के पत्ते चावल, कुमकुम,कपूर, अगरबत्ती, भारतीय मिठाई और प्रसाद के लिए सूखे मेवे और एक दिया या मिट्टी का दीपक है। 

धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए?

चतुर्दशी

धनतेरस पर 13 दिये जलाने की परंपरा हिंदुओं में लंबे समय से चली आ रही पूजा परंपरा रही है।

कब है छोटी दिवाली ?

दिवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन छोटी दीवाली मनाई जाती है।  कार्तिक मास को कृष्णा चतुर्दशी तिथि को छोटी दीवाली माना जाता है।  इस रूप को चौदस नरक चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को दोपहर में 1: 57 मिनट से होगी और समाप्त अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर में 2: 44 पर होगी

गोवर्धन पूजा कब है?

दिवाली के अगले शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर दिन सोमवार को है पंचांग के अनुसार 13 नवंबर को दोपहर 2: 15 से परंपरा होगी और 14 नवंबर को दोपहर 2: 30 पर समाप्त होगी। तिथि मान्य होने के कारण गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को होगी। गोवर्धन पूजा प्रात काल मुहूर्त सुबह 6: 43 8: 52 तक है।

भाई दूज कब है?

यह त्यौहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर दिन बुधवार को माना जाएगा। तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2: 36 से शुरू होगी।  और 15 नवंबर को दोपहर 1: 47 पर समाप्त होगी। इस साल भाई दूज 15 नवंबर 2023 को उदया तिथि में ही माना जाएगा।

छठ पूजा का त्यौहार कब मनाया जाता है?

छठ पूजा के त्यौहार का हिंदू धर्म से विशेषण महत्त्व बताया जाता है।  छठ पूजा का त्यौहार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश की कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है  पंचांग के अनुसार कार्तिक छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर 2023 शुक्रवार को होगी।। सोमवार को कार्तिक महीने मैं छठी तिथि से आरंभ होगा। यह त्यौहार चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ का त्यौहार दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। छठ की शुरुआत नहाय-खाय से साथ होती है। छठ के दूसरे दिन को खरना कहते हैं।

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By Pinky
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