रविवार सुबह महान गायिका लता मंगेशकर का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही देश – दुनिया में उनकी आवाज के दीवानों में शोक की लहर दौड़ गई। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
आज शाम राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार से पहले प्रधानमंत्री मोदी भी मुंबई पहुंचेंगे। जानें किन लोगों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होता है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का क्या मतलब
जिन व्यक्तियों ने किसी भी क्षेत्र में राष्ट्र के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है। इसे राजकीय अंत्येष्टि कहा जाता है। ऐसे व्यक्तियों का पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटकर लाया जाता है। उन्हें पूरा सैनिक सम्मान दिया जाता है और इस दौरान मिलिट्री बैंड शोक संगीत बजाता है।
दिवंगत हस्ती को सलामी दी जाती है। इस अंतिम संस्कार का जिम्मा रक्षा मंत्रालय उठाता है। राजकीय अंत्येष्टि के दौरान देश और विदेशों में स्थित भारतीय उच्चायोग व दूतावसों में भी राष्ट्र ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।
किन लोगों को मिलता है राजकीय सम्मान?
वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्रियों को राजकीय सम्मान दिया जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय किसी भी उस शख्स को राजकीय सम्मान दे सकता है जिसने देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राजनीति, साहित्य, कानून, कला और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नागरिक सम्मान (भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण) पाने वाले व्यक्ति भी इस सम्मान के हकदार होते हैं। केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी देश के किसी भी सम्मानित नागरिक को राजकीय सम्मान दिला सकती है। आजादी के बाद सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से की गई थी। शहीद सैनिकों की अंत्येष्टि भी राजकीय सम्मान से होती है।
राष्ट्रीय शोक कितने दिनों का
राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति के निधन पर शोक जताने के लिए राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय शोक की अवधि आमतौर पर 1 से 7 दिन की होती है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।