Supreme Court Decision About Live-in Relationship : बीते कुछ साल लिव इन में रहने वाली लड़कियों के लिए उनकी मौत का कारण बने थे. ऐसे कई मामले सामने आए थे जिसमें लिव इन रिलेशनशिप ( live in relationship ) में रहने वाली लड़कियों की हत्या हुई. इन्हीं कुछ मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई. इस याचिका में साफ लिखा था कि लिव-इन में रहने रहने वाले कपल का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए लेकिन सीजेआई इस याचिका को साफ खारिज कर दिया है.
सुनवाई के दौरान याचिका पर सीबीआई ( CBI ) ने साफ कह दिया कि यह सब करेगा कौन? किसकी जिम्मेदारी होगी? इसका लोग गलत फायदा भी उठाएंगे! लेकिन तब याचिकाकर्ता ने यह कह दिया कि यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार को दी जानी चाहिए क्योंकि बीते कुछ महीनों से ऐसी लड़कियों की हत्या होती रहती है.
इन सब से बचने का एकमात्र उपाय यही है. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता का कहना था कि जल्द से जल्द लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल का रजिस्ट्रेशन भी करने का नियम बनाया जाए. लेकिन न्यायालय द्वारा इस याचिका को हमेशा के लिए खारिज कर दिया गया है.
कुछ कपल का साफ कहना है कि शादी जीवन का एक बहुत बड़ा फैसला होता है. यह फैसला आपके साथ कई परिवारों की जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है. इसलिए कपल को लगता है कि एक दूसरे की जांच पूरी तरीके से कर लेनी चाहिए.
इसलिए लोगों को लिव इन रिलेशनशिप का तरीका ज्यादा अच्छा लगने लगा है लेकिन जब भारत में लिव इन रिलेशनशिप चर्चा होती है तो हर कपल को अलग प्रकृति का समझा जाता है. इस मामले में हर किसी का ओपिनियन बहुत अलग है. हालांकि नई पीढ़ी इस तरीके को लेकर काफी ज्यादा पॉजिटिव महसूस करती है.
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