देश में दिन प्रतिदिन नई- नई बीमारियों के संक्रमण ने लोगों की चिंता बढ़ा रखी है. पहले इंसानों में कोरोना वायरस ने कहर ढा रखा था. वही अब एक नया वायरस जोकि पशुओं में तेजी से फैल रहा है. इस वायरस का नाम है लंपी वायरस, जिसने पशुओं को अपने संक्रमण में जकड़ रखा है.देश के कहीं राज्यों में इन दिनों लंपी वायरस नामक बीमारी पशुओं को निगल रही है.राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में मवेशी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जा रहे हैं.
केंद्र से राज्यों की सरकारें वायरस की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही हैं. दिल्ली सरकार भी इसे लेकर अलर्ट मोड पर आ गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि लंपी वायरस से निपटने के लिए सभी 12 राज्यों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है. आखिर क्या है लंपी वायरस, जिसने राजस्थान से लेकर अन्य राज्यों तक तबाही मचाई है, आइये जानते हैं.
आखिर क्या है लंपी वायरस
लंपी वायरस के संपर्क में आने वाले मवेशियों की त्वचा पर गांठे बन जाती हैं, उनके मुंह से लार आने लगती है, उनको तेज बुखार, और आंखें लाल हो जाती हैं, साथ ही उन्हें भूख भी कम लगने लगती हैं. प्रशासन ने मवेशियों को संक्रमण से बचाने के लिए गौशालाओं में फोगिंग करने के आदेश दिए हैं. सरकार पशुओं को लंपी वायरस से बचाने के लिए सामूहिक रूप से टीकाकरण का आयोजन करेगी.
इस बीच चिंता की बात ये है कि मवेशियों में लंपी वायरस का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसे लेकर राज्यों से लेकर केंद्र सरकार तक एक्शन मोड में हैं. राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेजी से पांव पसार रहे लंपी वायरस की घेराबंदी शुरू हो गई है. केंद्र सरकार विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पिछले दिनों में लंपी स्किन बीमारी से भारत के कई राज्यों में पशुधन का नुकसान हुआ है. इससे बचाव के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार की गई है.
दूध उत्पादन पर पड़ रहा असर
मवेशियों में फैली लंपी स्किन बीमारी की वजह से डेयरी किसानों को काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब में बड़े पैमाने पर दुग्ध व्यवसाय किया जाता है, ऐसे में दूध उत्पादन कम होने से कारोबार पर विशेष असर पड़ रहा है. पंजाब के प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (PDFA) के मुताबिक, लंपी स्किन बीमारी की वजह से राज्य में दूध उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक घट गया है.