बॉलीवुड के किस्से-कहानियों की कोई कमी नहीं है। ऐसी ही एक लव स्टोरी के बारे में बताते हैं जिनके प्यार की शुरुआत एक गुलाब के फूल से हुई। यह लव स्टोरी है ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार और मधुबाला की। दोनों की प्रेम कहानी की हैप्पी एंडिंग भले ही ना रही हो लेकिन वे एक दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते थे ।
1951 में आई फिल्म तराना में दोनों प्यार में पड़े। इसके बाद दोनों ने उन्होंने 3 अन्य फिल्में कीं। मधुबाला ने अपने प्यार को जताने के लिए दिलीप कुमार के पास एक चिट्ठी और गुलाब भेजा था। उन्होंने लिखा था, ‘अगर आपको मुझसे मोहब्बत है तो इस गुलाब को कुबूल फरमाएं।‘ दिलीप कुमार तो मधुबाला को चाहते ही थे ऐसे में उन्होंने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी।दोनों का 9 साल लंबा अफेयर चला। उन्होंने सगाई भी कर ली।
लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान को यह रिश्ता पसंद नहीं था। ऐसा माना जाता है कि मधुबाला के पिता की वजह से वे अलग हो गए। हालांकि एक रिश्तेदार ने कहा कि ऐसा नहीं था बल्कि कोर्ट केस ने दोनों के रिश्ते मे दूरियां ला दीं। ‘नया दौर’ नाम से एक फिल्म बन रही थी। तब मधुबाला के पिता ने शूटिंग के लोकेशन को बदलने की बात कही जिसे निर्देशक बीआर चोपड़ा ने ठुकरा दिया। दोनों के बीच का मामला कोर्ट तक पहुंच गया जहां दिलीप कुमार ने बीआर चोपड़ा का पक्ष लिया और अताउल्लाह खान को डिक्टेटर (तानाशाह) कह दिया।
दिलीप ने मधुबाला से किया था इजहार
कोर्ट में दिलीप कुमार ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘मैं मधुबाला से प्यार करता हूं और ताउम्र करता रहूंगा।‘ दिलीप कुमार के बीआर चोपड़ा का पक्ष लेने से मधुबाला उनसे बेहद खफा थीं। इस घटना के बाद दिलीप कुमार और मधुबाला के रिश्ते में उतार-चढ़ाव आए। आखिर में वे अलग हो गए। तक तक उन्होंने फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग शुरू कर दी थी लेकिन सेट पर दोनों एक दूसरे से बात तक नहीं करते थे।